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’50 साल से कम ही जीते हैं लोग, गांव में बचे 12 से 13 बुजुर्ग’, जानिए! लोगों की नजरों से दूर इस गांव की पूरी कहानी

खूंटी जिले के मुरहू की कोड़ाकेल पंचायत के अंतर्गल आने वाले कोठाटोली में बहुत कम लोग हैं, जो 50 वर्ष की उम्र सीमा को पार कर पाते हैं। बताया जाता है कि ये पूरा गांव बुजुर्गविहीन होने की तरफ तेजी के साथ बढ़ रहा है।

drug addict Village of jharkhand: अक्सर हमारे इर्द गिर्द कुछ ऐसी जगह है, जिनके बारे में जानकर हम हैरत में पड़ जाते हैं। ऐसी ही एक जगह में नाम आता है झारखंड के खूंटी जिले का। खूंटी जिले के मुरहू की कोड़ाकेल पंचायत के अंतर्गल आने वाले कोठाटोली में बहुत कम लोग हैं, जो 50 वर्ष की उम्र सीमा को पार कर पाते हैं। बताया जाता है कि ये पूरा गांव बुजुर्गविहीन होने की तरफ तेजी के साथ बढ़ रहा है। गांव में हो रही इस घटना के पीछे कोई अभिशाप या चमत्कार जैसी वजह नहीं बल्कि गांव वाले खुद हैं। बीते दिनों इस गांव में ग्रामसभा हुई थी, जिसमें शामिल लोगों ने बताया कि इस गांव में अधिक नशापान के चलते बहुत कम लोग ही 50 वर्ष से ज्यादा अधिक की उम्र को पार कर पाते हैं।

50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या बहुत कम

मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे गांव में लगभग 90 परिवार रहते हैं। इतने परिवार होने के बावजूद इस गांव में बमुश्किल 25 से 30 लोग ही 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले हैं। वहीं, ग्रामीणों का अंदाजन कहना है कि अधिक नशापान के चलते अब गांव में महज 12 से 13 बुजुर्ग ही बचे होंगे।

हड़िया दारू के कारण हो रही मौत

इसके साथ ही बीते दिनों गांव में हुई ग्रामसभा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि इस गांव में अधिकतर लोग हड़िया व चुलाई दारू पीते हैं, इस दारू से होने वाले नुकसान के चलते यहं के लोग समय से पहले बूढ़े और कमजोर हो जाते हैं। इतना ही नहीं, इस हानिकारक शराब के चलते कुछ दिनों में ही उनकी मौत भी हो जाती है।

नशापान के कलंक को धोने का ग्रामिणों ने लिया फैसला

हाल ही में कोलोम्दा गांव में नशामुक्ति अभियान का असर है कि गुरुवार को कोठाठोली ग्रामसभा में निर्णय लिया गया कि वे अपने टोले को भी नशामुक्त करेंगे। इसकी पहल गांव के होदो मुंडा ने की है। काफी चिंतन-मनन के बाद ग्रामसभा ने गांव को नशामुक्त बनाने का निर्णय लिया। इस निर्णय का पूरे गांव के लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया। होदो मुंडा ने कहा कि नशामुक्ति और कोठाटोली के विकास के लिए लोगों में जागरुकता लायी जाएगी और इस टोले पर लगे नशापान के कलंक को धोया जाएगा।

नशामुक्ति के लिए गांव में फैलाई जाएगी जागरूकता

कोलोम्दा गांव में शुरू हुए नशामुक्ति को लेकर शुरू हुए अभियान का असर कोठाठोली ग्रामसभा में भी देखने को मिला, जिसके बाद ग्रामसभा की ओर से ये फैसला लिया गया कि वे अब अपने टोले को भी नशामुक्त करेंगे। ग्रामीणों की ओर स किए गए काफी चिंतन-मनन के बाद ग्रामसभा ने गांव को नशामुक्त करने का निर्णय लिया। खुशी की बात ये रही कि ग्रामसभा में हुए इस निर्णय का पूरे गांव के लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया। लोगों ने कहा कि नशामुक्ति और कोठाटोली के अच्छे विकास के लिए लोगों में अब जागरुकता लाई जाएगी और और साथ ही पूरे गांव को नशामुक्त करने करने का प्रयास किया जाएगा।

गांव के इस हाल का बच्चों और महिलाओं पर पड़ रहा असर

नशे की लत से बंधे इस गांव के कुछ लोगों से जब बातचीत की गई तो पता चला कि गांव के इस हाल का यहां के बच्चों और महिलाओं पर सबसे बड़ा और बुरा असर पड़ रहा है, जिसके चलते बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं और महिलाओं का जीवन नर्क समान हो गया है। इतना ही नहीं, बड़ों को देखकर बच्चे भी गलत राह पर चले पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इस गांव में सबसे पहले अपने लोगों को इस दलदल से निकालने ते लिए हमने एक इस गांव को मॉडल बनाने का फैसला लिया है। इसी दिशा में हमने बच्चों का प्रतिभा सम्मान समारोह कराय, जिसमें बच्चों को खेलकूद जैसी क्रियाओं से जोड़ने के लिए कम्युनिटी पुलिस के तहत खेल सामग्री का वितरण कराया है। इसके साथ ही इस गांव की नशे के व्यापार से जुड़ी महिलाओं को सरकारी व गैर सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें मुख्य धारा में लौटाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।


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