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कौन है वो मेजर, जिसने बनाई ‘पटियाला पेग’ आर्मी, क्या था इनका काम और क्यों सेना ने निकाला?

Indian Army Major Terminate: सेना से जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाई। सीक्रेट डॉक्यूमेंट अपने पास रखे। मामले में मेजर के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है।

Indian Army
Patiala Peg Whatsapp Group Creator Major Terminated: पाकिस्तान के जासूसी करने वाले इंडियन आर्मी के मेजर को नौकरी से निकाला दिया गया है। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह आदेश जारी किए। मेजर पर देश की खुफिया जानकारियां दुश्मन देश पाकिस्तान तक पहुंचाने का आरोप है। जांच में सामने आया कि मेजर ने ‘पटियाला पेग’ नाम से जो व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था, उसके जरिए सेना से जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाई गईं। मेजर ने अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में सीक्रेट दस्तावेजों की एक कॉपी भी सेव की थी, जो नियमों के खिलाफ थी। यह भी पढ़ें: दुश्मन के दांत खट्टे कर देगी भारत की तैयारी, दुनिया के कुछ ही देशों के पास है ऐसी क्षमता

व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर सीक्रेट डाटा लीक किया

बता दें कि आरोपी मेजर स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) यूनिट में तैनात था। मामले की जांच मार्च 2022 से चल रही थी। इसी मामले में एक कर्नल और ब्रिगेडियर समेत 4 वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। अपनी तैनाती के दौरान ही मेजर ने अपने पर्सनल मोबाइल में 'पटियाला पेग' नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। सेना के एक कर्नल, ब्रिगेडियर और 2 अन्य शीर्ष अधिकारी इस व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिन्हें मामले में नाम सामने आने के बाद 2022 में ही निलंबित कर दिया गया था। उस समय सेना के सूत्रों से मामला उजागर हुआ था कि व्हाट्सऐप ग्रुप से अहम डाटा लीक हुआ है। यह भी पढ़ें: पाकिस्तान-चीन की अब खैर नहीं, इंडियन आर्मी ने सीमा पर तैनात किया घातक हथियार

राष्ट्रपति ने तत्काल प्रभाव से खत्म की सेवाएं

राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित इस मामले की जांच के लिए अधिकारियों का एक स्पेशन इन्वेस्टिगेशन बोर्ड बनाया गया। जांच में पता चला कि मेजर ने अपने गैजेट्स में एक सीक्रेट डॉक्यूमेंट की कॉपी रखी हुई थी। वह सोशल मीडिया चैटिंग के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संचालक के कॉन्टैक्ट में भी था। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आर्मी चीफ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मामले से वाकिफ कराया। इसके बाद राष्ट्रपति ने सेना अधिनियम 1950 की धारा 18 और संविधान के अनुच्छेद 310 के साथ के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया कि मेजर की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया जाए।


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