Parliament Winter Session 2023 Update: संसद के शीतकालीन सत्र में 141 सांसदों के हंगामे को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन आज भी जारी है। वहीं उधर टीएमसी सांसद कल्याण बैनर्जी के मिमिक्री कांड को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष के सांसदों ने अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया। भाजपा सांसद लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान 1 घंटे तक खड़े रहे। इस दौरान राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जायेगा तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने की कड़ी निंदा करते हैं। विपक्ष सारी हदें पार कर रहा है। विपक्ष संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान कर रहा है। ये लोग करीब 20 सालों से पीएम का अपमान कर रहे हैं। जोशी ने कहा कि इस देश में पहली बार कोई जाट उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचा है इसलिए वे जाटों का अपमान भी कर रहे हैं। इससे पहले विपक्ष राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुका है।
यह है पूरा मिमिक्री कांड
बता दें कि संसद की कार्यवाही के 12वें दिन 141 सांसदों के निलंबन का विरोध करते हुए टीएमसी सांसद कल्याण बैनर्जी ने संसद भवन के मकर गेट पर खड़े होकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के व्यवहार की नकल उतारी। इस दौरान निलंबित किए गए सांसद भी वहां मौजूद थे। इतना ही नहीं इस पूर घटनाक्रम को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोबाइल में कैद किया। इसके बाद जब 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति धनखड़ ने कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य पी चिदंबरम से कहा कि टीएमसी सांसद कल्याण बैनर्जी का यह व्यवहार अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य ने इसे अपने कैमरे में कैद किया। इसके बाद इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।
राष्ट्रपति, पीएम ने की आलोचना
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रकार से संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति का मजाक बनाना ठीक नहीं है। उनके इस व्यवहार से मेरी भावनाएं आहत हुई है। इस बीच देर रात पीएम मोदी ने भी फोन पर उपराष्ट्रपति से बात की। वहीं बुधवार सुबह लोकसभा स्पीकर ने भी धनखड़ से उनके संसद भवन स्थित कार्यालय में जाकर मुलाकात की। इस मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल सोच समझकर किया जाना चाहिए। संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति के साथ इस प्रकार का आचरण शोभा नहीं देता।