Parliament Security Breach : संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्लियामेंट की सुरक्षा में तैनात 8 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। संसद में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसे लेकर मोदी सरकार ने दूसरी एजेंसी को सुरक्षा का जिम्मा सौंप दिया है।
संसद में सुरक्षा उल्लंघन के बाद केंद्र ने गृह मंत्रालय और कई सुरक्षा एजेंसियों के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय (MHA), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और अन्य एजेंसियों के अफसरों ने इस बैठक में हिस्सा लिया था। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस मीटिंग में संसद की सुरक्षा से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके बाद सरकार ने पार्लियामेंट की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंपने का फैसला किया है।
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सरकार के इस फैसले के बाद सीआईएसएफ ने एक कमेटी गठित कर दी है। उप महानिरीक्षक अजय कुमार के नेतृत्व में यह टीम संसद भवन के परिसर का सर्वे करेगी और यह तय करेगी कि कहां-कहां सीआईएसएफ के जवान तैनात किए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, अगले साल बजट सत्र के पहले सीआईएसएफ के जवान संसद परिसर में तैनात हो जाएंगे, लेकिन संसद के स्टाफ के पास ही विजिटर पास की जिम्मेदारी रहेगी।
संसद में सुरक्षा चूक के बाद सरकार ने उठाया यह कदम
आपको बता दें कि संसद हमले के बरसी के दिन ही पार्लियामेंट में दो आरोपी घुस गए थे। दोनों ने संसद को धुआं-धुआं कर दिया था। संसद के बाहर भी ऐसी ही घटना हुई थी। दो लोगों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया था, जबकि तीसरे आरोपी ने इस घटना का वीडिया बनवाया था। संसद की सुरक्षा में चूक मामले की साजिश में अन्य लोग भी शामिल थे, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले के बाद ही केंद्र सरकार ने मेट्रो और एयरपोर्ट के बाद अब संसद की सुरक्षा भी सीआईएसएफ के हवाले कर दी है।