भारत सरकार के नए फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में फिर खलबली मचा दी है. पर्यावरण मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी ने चिनाब नदी पर बनने वाले दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है. 27 दिसंबर को इस परियोजना को पर्यावरणीय हरी झंडी दी गई, जिसके बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर 'सिंधु जल समझौते के उल्लंघन' का आरोप दोहराया है. पाकिस्तान की सांसद और पूर्व जलवायु मंत्री शेरी रहमान ने एक्स पर भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि 'पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल करना' गलत है और इसे किसी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.
शेरी रहमान ने ये भी दावा किया कि भारत एकतरफा तरीके से सिंधु जल समझौते से पीछे हट रहा है और चिनाब नदी पर कई विवादित प्रोजेक्ट्स को तेजी दे रहा है, जिनमें सावलकोट, रेटल, बड़सर, पाकल डुल, कीरू, किरथाई और अब दुलहस्ती स्टेज-2 शामिल हैं.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: फीका पड़ सकता है नए साल का जश्न, Swiggy-Zomato समेत कई ऐप्स से नहीं होगी डिलीवरी! क्या है वजह?
---विज्ञापन---
भारत का पाकिस्तान पर 'वॉटर स्ट्राईक'
इसी वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 22 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई प्रतबंध लगाए, जिनमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना भी शामिल था. पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया. अब भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी नदी से संबंधित डेटा शेयरिंग रोक दी है, जिसका असर सीधे इन परियोजनाओं पर दिख रहा है.
'खून और पानी साथ नहीं बह सकते'
पहलगाम हमले के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था, 'पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते.' गौरतलब है कि दुलहस्ती स्टेज-2 प्रोजेक्ट से करीब 260 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है. यह जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ सीमावर्ती इलाकों में विकास का नया रास्ता खोल सकता है. इससे पहले चिनाब नदी पर सावलकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भी आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है, जिसकी क्षमता लगभग 1856 मेगावाट बताई जा रही है.