22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। यह हमला कश्मीर घूमने आए टूरिस्टों पर किया गया था। इस हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से टेंशन बढ़ गई है। लोगों में हमले के बाद से डर का माहौल बना हुआ है। सालों बाद कश्मीर फिर से तरक्की की राह पर तेजी से आगे बढ़ने लगा था, इसी बीच इस वारदात से कश्मीर जाने वाले टूरिस्टों की संख्या कम हो रही है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में बहुत से टूरिस्ट ने अपने कश्मीर जाने का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी बीच हमले के समय लोगों की जान बचाने वाले कश्मीरी टूरिस्ट गाइड नजाकत अली ने न्यूज24 से बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने लोगों से खास अपील की है।
नजाकत ने की लोगों से अपील
पहलगाम में टूरिस्ट का काम करने वाले नजाकत अली ने भारत के लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि ‘सभी टूरिस्टों से अपील, आप कश्मीर आइए, पहलगाम आइये, सबका स्वागत है।’ आतंकी हमले में लोगों की जान बचाने वाले टूरिस्ट गाइड नजाकत का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है, हम अपनी जान देकर भी आपकी सुरक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि ‘370 हटने के बाद कश्मीर जाने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
हमले के बाद जो टूरिस्ट के टिकट कैंसिल करने की खबरें सामने आई हैं, उसको लेकर नजाकत का कहना है कि ‘आप लोग ऐसा बिल्कुल न करें। भी श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में अभी भी टूरिस्ट हैं, आप लोग भी आएं। उन्होंने बताया कि ‘पहलगाम में अभी सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई है।’
पहलगाम आतंकी हमले में नजाकत अली के भाई आदिल के साथ क्या हुआ?
---विज्ञापन---◆ देखिये पहलगाम के टूरिस्ट गाइड नजाकत अली का सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू रिमझिम जेठानी के साथ #PahalgamAttack #PahalgamTerrorAttack #PahelgamNews #NazakatAli | @RimjhimJethani1 pic.twitter.com/Gx08T5SoUa
— News24 (@news24tvchannel) April 27, 2025
ये भी पढ़ें: कंगाल पाकिस्तान ने ड्रैगन के सामने फिर फैलाए हाथ, भारत से तनातनी के बीच क्या लोन ट्रैप में फंसेगा पड़ोसी मुल्क?
आदिल के साथ आखिरी मुलाकात
हमले में लोगों की जान बचाने के लिए आदिल ने अपनी जान गंवा दी। नजाकत ने कहा कि इस हमले के पहले वह आदिल से मिले थे। आदिल ने उनसे चाय के लिए पूछा। हालांकि, नजाकत ने चाय पीने से मना कर दिया था, क्योंकि वह उस समय टूरिस्ट के साथ थे। उन्होंने आदिल से कहा कि बाद में फ्री होकर मिलेंगे। नजाकत आगे कहते हैं कि ‘बाद में पता चला कि आदिल अपने टूरिस्टों की चीख-पुकार सुनकर अंदर देखने के लिए गया, जहां पर वह लोगों को बचाते-बचाते शहीद हो गया।’
ये भी पढ़ें: अल्टीमेटम खत्म, अटारी बॉर्डर से 500 से ज्यादा पाकिस्तानी वापस लौटे; जो बच गए उनका क्या होगा?