Opposition Leaders Meeting: दिल्ली में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सोमवार की शाम विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें करीब 16 दलों के नेता शामिल हुए। हालांकि उद्धव ठाकरे नहीं पहुंचे।
कांग्रेस ने संसद में सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। साथ ही 28 और 29 मार्च को अडानी मुद्दे पर देश के 35 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी।
बैठक से पहले जेडीयू अध्यक्ष लल्लन सिंह ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष एक होकर लड़ेगा।
खरगे बोले- एक आदमी को बचाने के लिए लोकहितों को रौंदा जा रहा
बैठक में अडानी समूह, संसद में जेपीसी की मांग और राहुल गांधी की अयोग्यता का मुद्दा उठा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक आदमी को बचाने के लिए मोदीजी 140 करोड़ देशवासियों के हितों को रौंद रहे हैं। पीएम के परममित्र को बचाने के लिए भाजपा ने लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने वाली संसद को ठप कर दिया है। यदि सबकुछ पाक-साफ है तो संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की विपक्ष की मांग से सरकार क्यों कतरा रही है?
राहुल खुद ड्राइव कर पहुंचे, बगल में बैठी थीं सोनियां गांधी
बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी पहुंचे। राहुल गांधी गाड़ी खुद ड्राइव करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर आए थे। बगल की सीट पर सोनिया गांधी थीं। बैठक में जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, प्रमोद तिवारी, रजनी पाटिल जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।
विपक्ष से कौन-कौन आया?
सपा से रामगोपाल यादव और एसटी हसन, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह शामिल हुए। इनके अलावा बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, सीपीआई, आईयूएमएल, एमडीएमके, केसी, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांग्रेस, वीसीके, जेएमएम और एसएस के नेता भी बैठक में पहुंचे थे। कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले नेताओं को आमंत्रित किया था।
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। उद्धव राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान से नाराज हैं। उन्होंने वीर सावरकर को अपना भगवान बताया। साथ ही कहा कि अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद संजय राउत ने पहले ही कहा था कि हमारी ओर से कोई नेता बैठक में शामिल नहीं होगा।
28 और 29 मार्च को देश के 35 शहरों में होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद कांग्रेस और अक्रामक हो गई है। रविवार को दिल्ली में सत्याग्रह फिर सोमवार को काले कपड़ों में विरोध जताने के बाद 28 और 29 मार्च को देशभर में आंदोलन की रणनीति तैयार की गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि 28 और 29 मार्च को देश के 35 शहरों में डिमोक्रेसी डिसक्वालीफाइड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस दौरान मोदानी (नरेंद्र मोदी और अडानी) की वास्तविकता और नीरव मोदी, ललित मोदी को मोदी सरकार की क्लीनचिट को भी हाइलाइट किया जाएगा।
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