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दुश्मन सावधान! ‘ऑपेरशन त्रिशक्ति’ के तहत बाहुबल दिखा रहे भारतीय सेना के 30 हजार जवान

Operation Trishakti in Jaisalmer: भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से ऑपरेशन त्रिशक्ति के तहत मॉडल टेक्नोलॉजी से लैस आर्म्स की टेस्टिंग के लिए जैसलमेर में अपना युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है।

Image Source - ADGPI
Operation Trishakti in Jaisalmer(पवन मिश्रा): बढ़ती वैश्विक शक्ति के बीच अब भारत भी मेक इन इंडिया से बने घातक आर्म्स और ड्रोन बना रहा है और नए आर्म्स की टेस्टिंग को देखते हुए, मॉडल टेक्नोलॉजी से लैस आर्म्स की टेस्टिंग के लिए भारतीय सेना के जवानों ने बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास की शुरुआत कर दी है। आर्मी की 21 कोर ने इस युद्धाभ्यास का नाम त्रिशक्ति दिया है, त्रिशक्ति का मतलब अगर भविष्य में अगर युद्ध की स्थिति बनेगी तो तीनों सेना मिलकर दुश्मन पर हमला करेगीं, यानी दुश्मन ने गड़बड़ी की तो उसे संभलना तो दूर उसका बचना भी मुश्किल हो जाएगा।

घातक आर्म्स हथियार किए गए शामिल 

इस युद्धाभ्यास में टी-90एस और अर्जुन टैंक के साथ-साथ हॉवित्जर, हेलिकॉप्टर और इसी तरह के दूसरे घातक आर्म्स को शामिल किया गया है। फाइटर जेट, अपाचे अटैक और हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर चिनूक समेत इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी के भी घातक आर्म्स को इस युद्धाभ्यास में शामिल किया गया है। आपको बता दें कि इस बार प्रक्टिस में, इंटिग्रेटेड एयर-लैंड और यूनाइटेड मिलेट्री ऑपेरशन, क्विक अटैक मूवमेंट जिसमें खुफिया, निगरानी, ​​टोही और इलेक्ट्रॉनिक वार वाली स्ट्रेंथ से लैस लंबी दूरी और सटीक अटैक हमलों का भी परीक्षण किया जा रहा है। यह भी पढ़ें- सशस्त्र बलों में ट्रांसजेंडरों की भर्ती के लिए बातचीत जारी, अध्ययन समूह गठित

भारतीय सेना कर रही बड़ी इमरजेंसी खरीद

आपको बता दें कि ईस्टर्न लद्दाख में पिछले चार सालों से चीन के साथ सैन्य टकराव चल रहा है, जिसको लेकर कमांडर लेवल की कई राउंड की बैठक हुईं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पाया है। इस वजह से भारतीय सेना को बड़ी इमरजेंसी खरीद करनी पड़ी है, जिसमें मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी/ड्रोन) शामिल हैं। पहले तीन ईपी किश्तों में 6,600 करोड़ रुपये के 68 ड्रोन के बाद, चौथी किश्त में 7,600 करोड़ रुपये की दूसरे 49 ड्रोन की खरीद पर हामी भरी गई है। न्यूज 24 को आर्मी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 7,000 करोड़ रुपये की 34 दूसरी योजनाओं को भी जल्द सेना में शामिल कर लिया जाएगा। 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बढ़े तनाव के कारण आर्मी की 14 कोर पल पल की निगरानी कर रही है। इस कोर में लगभग 40,000 से 70,000 सैनिक हैं।

आतंकवाद को पनाह देता है चीन

पिछले कुछ महीने से पाकिस्तान की माली हालत खराब हो रही है, उसकी मिलिट्री और पूरा देश उधार लिए पैसों पर चल रहा है, लेकिन कहते हैं कि अगर लोमड़ी को किसी की शह मिल जाए तो वह कुछ समय के लिए खुद को किंग लायन समझने लगती है, चालबाज चीन आतंकवाद का आरामगाह कहे जाने वाले पाकिस्तान को कुछ इसी तरह का शह देता रहता है। इसी शह की वजह से पिछले कुछ समय से पाकिस्तान ने आतंकियो की घुसपैठ, ड्रोन से तस्करी और कई तरह के हमलों को अंजाम दिया गया है, लेकिन भारत के शूरवीरों ने पाकिस्तान के सभी इरादों को बेनकाब कर दिया है, इसका उदाहरण एशिया देशों के सम्मेलन में देखने को मिला, जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दो टूक में कहा कि पहले आतंकवाद को बंद करो उसके बाद ही कोई बातचीत होगी।


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