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‘मैं तो देखूंगा भी नहीं’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भारत-पाकिस्तान मैच पर भड़के ओवैसी

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कैसे हो सकता है? उन्होंने सुरक्षा चूक, पहलगाम हमले और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए।

संसद में बोलते AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा देश सरकार के साथ खड़ा था, लेकिन सरकार ने इसका फायदा नहीं उठाया। पाकिस्तानी फौज और ISI का मकसद सिर्फ भारत को कमजोर करना है।

ओवैसी ने पूछा सवाल

ओवैसी ने सवाल पूछा कि जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती," इंसानों को बैसारा की वादी में मारा गया था। इसके बाद आपने व्यापार बंद कर दिया, पाकिस्तान का एयरक्राफ्ट हमारी सीमा में नहीं आ सकता तो मैं पूछना चाहता हूं कि आपकी जमीर जिंदा क्यों नहीं है?

इंडिया-पाक मैच पर भी सवाल

ओवैसी ने कहा कि जब हम पाकिस्तान को पानी नहीं दे रहे हैं, तो आप क्रिकेट मैच खेलेंगे? मेरा जमीर तो गवारा नहीं करता कि मैं ये मैच देखूं। क्या इस हुकूमत में इतनी हिम्मत है कि उन 25 मरने वालों को फोन करके कहे, "देखो, हमने बदला ले लिया, अब तुम पाकिस्तान के साथ मैच देखो"? ओवैसी ने पूछा कि जिम्मेदारी किसकी है? पहलगाम हमला किसने किया? इतनी फौज होने के बावजूद ये चार चूहे कहां से घुसकर आए? जिम्मेदारी किसकी है? अगर LG की जिम्मेदारी है, तो उन्हें हटाइए। अगर IB या पुलिस की गलती है, तो कार्रवाई कीजिए। मगर आप समझ रहे हैं कि अब हम इसे भूल जाएंगे क्योंकि आपने ऑपरेशन कर दिया है? जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी। AIMIM प्रमुख ओवैसी ने सदन में कहा कि आपने सर्जिकल स्ट्राइक की, बालाकोट किया , फिर भी ये पहलगाम हमला हो गया। इसका मतलब है कि आपकी नीति विफल साबित हुई है। आपने अनुच्छेद 370 हटा दिया, एक रियासत को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। पाकिस्तान और इजराइल इस दुनिया में "फेल्ड स्टेट" हैं, लेकिन आप पाकिस्तान के सेना प्रमुख को राष्ट्रपति भवन बुलाकर खाना खिला रहे हैं जिसके भाषण से हमारे लोग मारे गए। तो क्या आपकी नीति सफल हुई है? यह भी पढ़ें : डोनाल्ड ट्रंप ने नहीं कराया था सीजफायर, खुद पाकिस्तान ने लगाई थी गुहार, विदेश मंत्री का बड़ा बयान ट्रंप द्वारा सीजफायर का ऐलान किए जाने पर ओवैसी ने कहा कि नेवी का सिपाही जो समंदर में खड़ा है, उसे ये नहीं मालूम कि उसका प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि एक गोरे (विदेशी) ने सीजफायर का ऐलान किया। हम अमेरिका के दोस्त हैं, लेकिन क्या इस तरह दोस्ती निभाई जाती है? बता दें कि ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में होने वाले मैच पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, "जब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो क्रिकेट कैसे हो सकता है?"


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