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Operation Sindoor: भारत के हमले के सामने कैसे फेल हुआ पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम? जानें S-400 से कितना पीछे

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान और Pok में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया। इस कार्रवाई के बाद भारत ने सीमा पर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट किया है। जानें भारत का एयर डिफेंस पाकिस्तान के सिस्टम पर कैसे भारी पड़ गया?

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान और Pok में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से की गई इस एयर स्ट्राइक में भारत के राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस ने पाकिस्तान को धूल चटाने में अहम भूमिका निभाई। इस एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम फेल कैसे हो गया? दरअसल, यह पाक ने यह सिस्टम चीन से खरीदा था। भारत की तरफ से एक्शन के बाद अब पाकिस्तान अपना रुख दिखा सकता है, जिसको देखते हुए भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे खतरनाक S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को एक्टिवेट किया है। पाकिस्तान और भारत के डिफेंस सिस्टम कैसे अलग हैं?

पाकिस्तानी डिफेंस सिस्टम कैसा?

पहलगाम हमले के बाद ही पाकिस्तान ने पाकिस्तानी वायुसेना ने JF-17 और J-10 जैसे लड़ाकू विमानों के साथ गश्त शुरू कर दी थी। कराची और रावलपिंडी जैसे कई ठिकानों की सुरक्षा के लिए पाक ने HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव किया था। HQ-9 चीन द्वारा बनाया गया है। यह एक मिसाइल है, जो लंबी दूरी से ही हवा में मार गिराने का काम करती है। इसे चाइना प्रिसिजन मशीनरी इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (CPMIEC) ने बनाया है। 2021 में इस सिस्टम को पाक ने अपने बेड़े में शामिल किया, ताकि भारत के राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से टक्कर ले सके। ये भी पढ़ें: ‘बेटे की आत्मा को शांति…’, ऑपरेशन सिंदूर पर पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के पिता ने क्या कहा? HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज 125 से 200 किलोमीटर तक बताई जाती है। यह एक साथ 100 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है। फिर भी यह भारत के आगे टिक नहीं पाया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम से बहुत पीछे है, जिसमें कई कमियां भी हैं।

कहां पिछड़ गया पाकिस्तान?

भारत के पास राफेल और सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस और R-77 जैसे डिफेंस सिस्ट हैं, जो पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम HQ-9 को कमजोर करने के लिए काफी हैं। पाक का HQ-9 तकनीकी तौर पर भारत के S-400 को टक्कर नहीं दे सकता है। इस एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के सामने ब्रह्मोस जैसी सुपर मिसाइलों जैसी बड़ी चुनौतियां थीं। HQ-9 की बात करें, तो इसे तैनात करने में करीब 35 मिनट तक लग जाते हैं, जबकि S-400 को केवल 5 मिनट ही काफी हैं।

भारत का डिफेंस सिस्टम

भारत की सेना के पास अपने देश की रक्षा करने के लिए कई उमदा सिस्टम शामिल हैं, जिसमें राफेल और सुखोई-30 MKI का नाम सबसे पहले आता है। ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी रफ्तार 2.8 मैक है, इससे बहुत आसानी से HQ-9 जैसे सिस्टम को भेदा जा सकता है। भारत के पास पिनाका रॉकेट सिस्टम और K-9 वज्र तोपें हैं, जिनका निशाना एकदम सटीक होता है। इसके अलावा, इस हमले में जिस प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम (PSWS) का इस्‍तेमाल भारतीय वायुसेना ने किया है, वह दुश्मन के ठिकानों और प्रॉपर्टी पर सटीक निशाने लगाने के लिए बनाया गया है। हमला करने के लिए इसमें GPS, लेजर, रडार या इन्फ्रारेड गाइडेंस का यूज होता है।

S-400 सिस्टम की खासियत

एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने S-400 सिस्टम को एक्टिव कर दिया है। 'बाहुबली' के नाम से जाना जाने वाला भारत का S-400 सिस्टम दुनिया के सबसे बेहतरीन हवाई रक्षा सिस्टमों में से एक है। S-400 जैसा की नाम से ही साफ होता है कि यह 400 किलोमीटर की रेंज में प्लेन, ड्रोन और मिसाइलों को तबाह करने की काबिलियत रखता है। ये भी पढ़ें: Operation Sindoor : सेना ने बहावलपुर को ही क्यों बनाया निशाना? RAW के निशाने पर था आतंक का सबसे बड़ा अड्डा


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