Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए सैन्य ऑपरेशन 'ऑपरेशन सिंदूर' को पूरी दुनिया ने देखा था। इसकी सराहना और इसके पीछे कारण को दुनिया के सभी देशों को बताने के लिए भारत ने अपने कुछ डेलीगेशन भेजे हैं। उनमें से एक शशि थरूर का प्रतिनिधिमंडल है, जो अमेरिका गया है। यहां उन्होंने प्रेस वार्ता में स्पष्ट कहा कि क्यों और किसलिए ऑपरेशन सिंदूर हुआ था। यह एक चतुराईपूर्ण चलाया गया अभियान था, जो किसी को नुकसान नहीं बल्कि आतंकियों को दिया गया जवाब था। भारत कभी भी आम नागरिकों की सुरक्षा हितों के खिलाफ नहीं होता है। पाकिस्तान ने आम नागरिकों की आड़ में आतंकियों को बसाया है, तो वहां के नागरिकों को होने वाले जोखिम की सबसे बड़ी वजह वह खुद है।
ऑपरेशन सिर्फ जवाबी कार्रवाई
अमेरिका में प्रेस से बात करते हुए शशि थरूर ने आगे बताया कि पिछले साल की तुलना में जम्मू-कश्मीर में काफी ज्यादा सैलानियों का आना-जाना शुरू हो गया था। यहां लोग अपने परिवारों के साथ घूमने आया करते थे। सिर्फ यही नहीं विदेशी सैलानियों का आना-जाना भी बढ़ा था, जिससे यहां के लोगों की जेब भी भरती थी। इस हमले के बाद से एकबार फिर से घाटी में लोगों को नुकसान झेलना होगा।
उन्होंने कहा ऑपरेशन सिंदूर इसलिए जरूरी था क्योंकि आतंकियों ने धर्म पूछकर हमारे लोगों को मारा था। उन्होंने गोलियां चलाते समय इस बात का ध्यान नहीं दिया कि भारत अपना जवाब जरूर देगा। वहां घूमने गए मासूम लोगों में 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई, वो भी अपनों के सामने। 54 लोग घायल हो गए। जिन परिवारों ने अपने अपनों को खोया है, उनका दुख कभी कम नहीं होगा। इसलिए, ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था। हमारी सेना द्वारा यह हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई थी। अगर वे शांत रहेंगे, तो हम भी शांत रहेंगे।
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भारत युद्ध नहीं करता
शशि थरूर ने ब्रीफिंग में यह भी कहा है कि भारत कभी भी युद्ध की इच्छा नहीं रखता है, क्योंकि हमारे पास और भी बेहतरीन काम करने के लिए हैं। ऐसी स्थिति हमारे ऊपर थोपी गई है। हम उस विरासत के लोग हैं, जहां महात्मा गांधी ने अहिंसा से भारत को जीत दिलाई थी। मगर आतंकियों से हम नहीं डरते हैं, यह बताना भी जरूरी था। अगर हमारी सेना उनके आगे आत्मसमर्पण करेगी, तो यह हमारे सम्मान के खिलाफ है।
आम नागरिकों पर हमले के लिए पाकिस्तान खुद जिम्मेदार
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था। सेना ने आतंकियों को निशाना बनाया है, न कि आम नागरिकों को। शशि थरूर ने बताया कि पाकिस्तान आतंकियों को आम नागरिकों के बीच पनाह देता है। ऐसे में नागरिकों की जान को जोखिम डालने का काम उनका है। मुंबई हमले को याद करते हुए उन्होंने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत खुद की सुरक्षा के लिए स्वयं समर्थ है। सीजफायर भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत करने के बाद किया गया था।
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