जैसे ही हिमालय पर हाड़ कंपा देने वाली सर्दी शुरू होती है और जम्मू-कश्मीर में चिल्लई कलां की 40 दिनों की अवधि शुरू हो जाती है. रक्षा सूत्रों ने न्यूज 24 को जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय सेना ने किश्तवाड़ और डोडा जिलों में अपने आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं. हाड़ कपा देने वाले इस ठंड, दुर्गम इलाके और भारी बर्फबारी की परवाह किये बिना देश की सुरक्षा को लेकर भारतीय सेना आतंकवादियों और घुसपैठियों के खिलाफ अपना अभियान पहले से भी ज्यादा तेज कर दिया है.
ठंड में बढ़ जाती है आतंकियों की घुसपैठ
जम्मू-कश्मीर में हाड़ कपा देने वाले ठंड और सर्द हवा के बीच आतंकियों की घुसपैठ की संभावना बढ़ जाती है जिस वजह से लगातार पेट्रोलिंग जारी है. आपको बता दें कि पाकिस्तानी आतंकवादियों का पीछा करने और उन्हें बेअसर करने के लिए ऊंचे और बर्फीले इलाकों में इंडियन आर्मी ने अपनी गश्त को और ज्यादा बढ़ा दिया है. सेना के एक अधिकारी ने न्यूज 24 को बताया कि, चिल्लई कलां इलाके में माईनस तापमान में आतंकवादी गतिविधियां सबसे ज्यादा बढ़ जाती हैं. क्योंकि कॉमिनिक्शन पूरी तरह से बंद हो जाता है और भारी बर्फ बारी से पर्वतीय इलाका पूरी तरह से बर्फ में ढक जाता है.
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घुसपैठियों पर नजर आर्मी की पैनी नजर
सेना सूत्रों के मुताबिक सेना ने संभावित आतंकवादी ठिकानों पर पूरी तरह से दबाव बनाके रखा है और इस इलाके में इंडियन आर्मी ने पिकेट बनाकर लगातार घुसपैठियों पर नजर बनाए हुए है. सेना के गश्ती दल लगातार हाई एल्टीट्यूड इलाके, घाटियों और जंगली इलाकों से गुजर रहे हैं ताकि आतंकवादियों को कोई शरण न मिल सके. सेना सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक अलग रणनीति को तैयार किया गया है.
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ग्रुप में कई सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियां शामिल
आपको बता दें कि भारतीय सेना नागरिक प्रशासन, जम्मू और कश्मीर पुलिस (जेकेपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), विशेष संचालन समूह (एसओजी), वन गार्ड और ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) सहित कई सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करते हुए एक ग्रुप को तैयार किया है, जिससे और भी बेहतर तरीके से सुरक्षा पर नजर बनाई जा सके.
रिटायर्ड मेजर जनरल एसके सिंह के मुताबिक आतंकवादी आंदोलन और छिपने के पैटर्न की सटीक स्थितिजन्य तस्वीरें खींचने के लिए कई एजेंसियों की खुफिया जानकारी को सावधानीपूर्वक जमा किया जाता है. एक बार खुफिया जानकारी सत्यापित हो जाने के बाद, समन्वित संयुक्त अभियानों की योजना बनाई जाती है और लॉन्च किया जाता है. साथ ही ओवरलैप को कम किया जाता है और सामरिक सटीकता के साथ अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित किया जाता है. जमीनी इकाइयों और खुफिया ढांचे के बीच तालमेल ने प्रतिक्रिया समय को बढ़ा दिया है, जिससे सुरक्षा बलों को कार्रवाई योग्य जानकारी सामने आने पर तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम बनाया गया है.
न्यूज 24 को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सेना की खुफिया रिपोर्ट में यह बताया गया है कि वर्तमान में जम्मू इलाके में लगभग 30 से 35 पाकिस्तानी आतंकवादी हैं. पिछले कुछ महीनों में लिए गए इनपुट से पता चलता है कि ये पाकिस्तानी आतंकवादी समूह, खुद को भारतीय सेना से घिरा हुआ पाते हुए ऊंचाई वाले बर्फीली इलाके में जाकर छुप गए है, और इंडिया आर्मी इनकी तलाश में है.
माना जाता है कि ये आतंकवादी पहचान से बचने और सुरक्षा बलों के साथ सीधे टकराव से बचने के लिए अस्थायी ठिकाने की तलाश कर रहे हैं. रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि आतंकवादी का ग्रुप लोकल लोगों यानी आम लोगों पर धमाका कर खाने पीने के इंताजम करने के लिए कह रहा है. नहीं मदद करने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है. लेकिन इंडियन आर्मी की पूरी सपोर्ट की वजह से लोकल लोगों को हाई जोश है और ऐसी किसी भी तरह की मदद करने से साफ तौर पर मना कर दिया है.
हाड़ कपा देने वाली इस ठंड में सेना ने A और B प्लान तैयार कर लिया है. एक इलाके से आतंकवादियों को खत्म करने के साथ ही जो घुसपैठ के प्रयास में लगे हुए है उन्हें खत्म करना. सुरक्षा बलों ने सुरक्षा की नियंत्रण बनाए रखने और किसी भी संभावित आवाजाही गतिविधियों को खत्म करने के लिए घाटी में सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चला रखा है. आपको बता दें कि यह अभियान को स्वीप निगरानी अभियान का नाम दिया गया है.