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Odisha Train Accident: क्या Kavach रोक सकता था ये हादसा? जानें- भारतीय रेलवे के इस सेफ्टी फीचर के बारे में

Odisha Train Accident: रेल मंत्रालय ने 23 मार्च 2022 को कवच (Kavach) नामक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के साथ भारत में ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा तीन भारतीय विक्रेताओं के सहयोग से विकसित कवच को भारतीय रेलवे […]

Odisha Train Accident: रेल मंत्रालय ने 23 मार्च 2022 को कवच (Kavach) नामक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के साथ भारत में ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा तीन भारतीय विक्रेताओं के सहयोग से विकसित कवच को भारतीय रेलवे के लिए राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया है। कवच को लोकोमोटिव पायलटों को सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) से बचने और तेज गति से चलने के साथ-साथ घने कोहरे जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान ट्रेन संचालन के लिए सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर यह खुद ब्रेक लगाने व ट्रेन की गति पर बेहतर नियंत्रण जैसे काम कर लेता है और इस प्रकार संभावित दुर्घटनाओं को रोकता है।

क्या है Kavach की विशेषताएं

कवच सिस्टम की प्रमुख विशेषताओं में लोकोमोटिव पायलट के कार्य करने में विफल होने की स्थिति में स्वत: ब्रेक लगाना, कोहरे की स्थिति में और उच्च गति पर बेहतर दृश्यता के लिए केबिन में लाइन-साइड सिग्नल डिस्प्ले का प्रावधान, मूवमेंट अथॉरिटी को लगातार अपडेट करना, लेवल क्रॉसिंग पर स्वचालित सीटी बजाना शामिल है। इसके अलावा सीधे लोको-टू-लोको संचार के माध्यम से टकराव से बचाव और आपातकालीन स्थितियों में ट्रेनों को नियंत्रित करने के लिए एक एसओएस सुविधा भी यह मुहैया कराता है। कवच का परीक्षण दक्षिण मध्य रेलवे के लिंगमपल्ली-विकाराबाद-वाडी और विकाराबाद-बीदर सेक्शन पर किया गया, जिसमें 250 किलोमीटर की दूरी तय की गई। सफल परीक्षणों के बाद, तीन वेंडरों को भारतीय रेलवे नेटवर्क पर आगे के विकास संबंधी आदेशों के लिए अनुमोदित किया गया। कवच के विकास पर कुल खर्च 16.88 करोड़ रुपये है। कवच को नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई सेक्शन पर शुरू करने की योजना है, जिसके पूरा होने का लक्ष्य मार्च 2024 है। आगे का विस्तार प्रारंभिक कार्यान्वयन से प्राप्त अनुभव पर आधारित होगा।

क्या कवच ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को रोक सकता था?

भारत के रेलवे इतिहास के इतिहास में सबसे विनाशकारी ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक, ओडिशा के बालासोर जिले में एक घटना के बाद कवच की चर्चा होने लगी। रेल, संचार, और इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि कवच रेल हादसों को रोक सकता है। तो ऐसे में सवाल यह कि क्या कवच इस ट्रेन दुर्घटना को रोक सकता था? बता दें कि शुक्रवार को दिन पूरे भारत के लिए एक दुखद दिन था। ओडिशा में तीन ट्रेनें टकराईं, जिसके परिणामस्वरूप मानव जीवन का खतरनाक नुकसान हुआ। 261 लोगों की मौत और 900 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि अब तक हो चुकी हैं। हालांकि, यहां सवाल कवच का है। कई लोग अब तर्क दे रहे हैं कि कवच दुर्घटना को रोक सकता था। लेकिन, फिलहाल सब कयास हैं और बात तो यहां खत्म होती है कि जहां हादसा हुआ, उस रूट पर तो कवच जैसी व्यवस्था थी ही नहीं। भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, 'बचाव अभियान पूरा हो गया है। अब, हम बहाली का काम शुरू कर रहे हैं। कवच इस मार्ग पर उपलब्ध नहीं था।'


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