‘मणिपुर पर PM का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं’, अविश्वास मत पर बोले कांग्रेस MP गोगोई, पूछे तीन सवाल
Congress Leader Gaurav Gogoi
Parliament Monsoon Session: लोकसभा में मंगलवार दोपहर 12 बजे से मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। राहुल गांधी भी संसद पहुंचे। भाजपा सांसदों ने स्पीकर ओम बिड़ला के आसन पर बैठते ही सवाल उठाया कि सुबह सेक्रेटरी जनरल की एक चिट्ठी आई थी। जिसमें बताया गया था कि राहुल गांधी जी बोलेंगे, हम उनके भाषण का इंतजार कर रहे थे। अब गौरव गोगोई बोल रहे हैं। 5 मिनट में क्या हो गया? गौरव गोगोई ने 35 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि हम मणिपुर पर पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने तीन सवाल भी पूछे।
सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए 15 वक्ता नॉमिनेट किए गए हैं। सबसे पहले निशिकांत दुबे ने जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा के आखिरी दिन 10 अगस्त को जवाब दे सकते हैं। इससे पहले सुबह 11 बजे सदन की शुरुआत होते ही हंगामा शुरू हो गया।
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी की सजा का मुद्दा उठाया
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। उसने स्थगन आदेश दिया है। वह कह रहे हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे और दूसरी बात कि वह कहते हैं मैं सावरकर नहीं हूं। आप कभी सावरकर नहीं हो सकते।
निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्ष के ज्यादातर नेताओं को INDIA का फुल फॉर्म नहीं पता है। ममता की लड़ाई कांग्रेस से है। सिंगूर आंदोलन में हम ममता के साथ थे। 1953 में शेख अब्दुल्ला को 22 साल तक जेल में रखा गया। कांग्रेस राज में ही लालू जेल गए। 1980 में शरद पवार की सरकार को किसने बर्खास्त किया था।
गौरव गोगोई ने उठाया मणिपुर मुद्दा
गौरव गोगोई कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है। I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है।
पीएम ने संसद में न बोलने का रखा मौन व्रत
गौरव गोगोई ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है। इसलिए, हमें उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनसे तीन सवाल हैं-
- वह आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?
- आखिरकार मणिपुर पर बोलने में पीएम मोदी को लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब उन्होंने बात की तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए?
- मुख्यमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
मणिपुर में डबल इंजन सरकार फेल
पीएम मोदी को मानना पड़ेगा कि उनकी डबल इंजन सरकार मणिपुर में फेल है। इसलिए मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई। लगभग 5 हजार घर जला दिए गए। 60 हजार लोग कैंपों में हैं। करीब 65 सौ एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के सीएम एन बीरेन को जहां शांति-सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले दो-तीन दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है।
गौरव गोगोई ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
विपक्षी गठबंधन INDIA की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। जिसे स्पीकर ओम बिड़ला ने स्वीकार किया था। 2014 के बाद ये दूसरी मर्तबा है, जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
जानें क्या है लोकसभा में NDA और INDIA का गणित?
NDA- 333
INDIA- 143
अन्य दल- 64
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। आंकड़ों की बात करें तो लोकसभा में एनडीए के पास 333 सदस्य हैं, जबकि INDIA के पास 143 सांसद हैं। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय है।
बीजेपी की तरफ से बोलेंगे 15 नेता
बीजेपी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पर 15 नेता सदन में अपनी बात रखेंगे। इनमें गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किरण रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्मृति ईरानी, लॉकेट चटर्जी, बांदी संजय, राजदीप रॉ, रामकृपाल यादव, विजय बघेल, रमेश बिधूड़ी, सुनीता दुग्गल, निशिकांत दुबे, हीना गावित, राज्यवर्धन राठौर शामिल हैं। निशिकांत दुबे बीजेपी की तरफ से सबसे पहले बोलेंगे।
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