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सड़क हादसे के घायलों को मिलेगा फ्री इलाज, गडकरी ने लॉन्च की कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम का ऐलान किया है। उन्होंने कहा सड़क दुर्घटना में घायल होने पर पीड़ितों को 1.5 लाख तक इलाज मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ते सड़क हादसों पर भी चिंता जताई।

Nitin Gadkari
Cashless Treatment Scheme: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों के पीड़ितो के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट का ऐलान कर दिया है। गडकरी ने बताया कि दुर्घटना के 24 घंटे के अंदर जैसे ही पुलिस को सूचना देनी होगी। इस योजना में सात दिनों तक या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के चिकित्सा खर्च को कवर किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हिट एंड रन मामले में मौत होने पर परिजनों को 2 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने असम, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में इस योजना का एक्सपेरिमेंट किया था। जानकारी के अनुसार सरकार संसद के अगले सत्र में मोटर वाहन संशोधन कानून पेश करेगी इसके बाद मार्च से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि साल 2024 में सड़क हादसों में 1 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो गई। वहीं हेलमेट नहीं पहनने के कारण 32 हजार लोगों की मौत हुई। 60 प्रतिशत दुर्घटनाएं 18 से 34 साल के आयु के लोगों की हुई हैं। वहीं 10 हजार मौतें तो सिर्फ स्कूलों और काॅलेजों के सामने हुई हैं क्योंकि यहां एग्जिट-एंट्री पॉइंट पर उचित व्यवस्था नहीं है।

हादसे रोकने के लिए ये कदम उठाएगी सरकार

केंद्रीय मंत्री ने कहा मंगलवार को सड़क सुरक्षा पर एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें सुरक्षा के उपायों पर अधिक जोर दिया गया है। बैठक में सड़क हादसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया गया है। गडकरी ने बताया कि सरकार काॅमर्शियल वाहनों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तीन सुरक्षा उपाय शुरू करने पर काम करेगी। इसमें इलेक्ट्राॅनिक स्थिरता नियंत्रण, इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम और ड्राइवर को नींद आने पर ऑडियो अलर्ट मैकेनिज्म। मंत्री ने कहा कि यह सुझाव क्रांतिकारी हैं। यह ट्रकों और बसों में भी होगा। ये भी पढ़ेंः ‘चुनावी वादों के लिए पैसा है, जजों की सैलरी के लिए नहीं…’, दिल्ली चुनाव से पहले SC ने राज्यों को क्यों लगाई फटकार? नितिन गडकरी ने कहा सरकार वाहन चालकों के लिए कार्य के घंटे बढ़ाए जाने के विकल्पों पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस के जरिए और आधार आधारित प्रणाली के साथ ड्यूटी समय के निगरानी के विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके साथ ही सरकार ई-रिक्शा के लिए सुरक्षा रेटिंग शुरु करने की योजना भी बना रही है। ये भी पढ़ेंः यूपी की मिल्कीपुर समेत 2 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान, जानें कब होगा मतदान


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