NewsClick के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और HR हेड गिरफ्तार, 10 पत्रकारों के यहां हुई थी रेड
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NewsClick Founder Prabir Purkayastha and HR Head Amit Chakravarty arrested in UAPA case: न्यूजक्लिक के संस्थापक पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ को आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनके अलावा दिल्ली पुलिस ने न्यूज पोर्टल के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया है। सुबह ही दिल्ली-एनसीआर में 20 से अधिक स्थानों पर न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घरों की तलाशी ली गई। दिल्ली पुलिस के इस एक्शन के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। साथ ही इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर कुठाराघात बताया।
5 अगस्त को इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस
दरअसल, 5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में आरोप लगाया गया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था। ये फाइनेंस चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। इस रिपोर्ट के आधार 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। केस आईपीसी की धारा 153 (ए) और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18 और 22 के तहत दर्ज हुआ। इसके बाद यह मामला संसद में भी उठा था।
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केंद्रीय मंत्री ने संसद में उठाया था मामला
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि कांग्रेस, चीन और विवादित न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक एक ही गर्भनाल से जुड़े हैं। राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में पड़ोसी सामान साफ देखा जा सकता है। चीन के प्रति उनका प्रेम नजर आ रहा है, वे भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं।
38 करोड़ रुपए फंडिंग का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि न्यूजक्लिक को चीन से कथित संबंध वाली संस्थाओं से लगभग 38 करोड़ रुपये मिले। इस पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर आठ पत्रकारों के वेतन के लिए किया गया था। कुल मिलाकर न्यूजक्लिक से जुड़े 10 पत्रकारों के यहां मंगलवार सुबह छापेमारी की गई। इनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता के अलावा मुंबई में एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ शामिल थीं।
इस दौरान कुल 37 लोगों से पूछताछ की गई। 9 महिलाओं से उनके रहने के स्थानों पर पूछताछ की गई है। डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों आदि को जांच के लिए जब्त किया गया है। कार्रवाई अभी भी जारी है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की आलोचना
पत्रकारों के गैर-लाभकारी संगठन, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र से उचित प्रक्रिया का पालन करने और कठोर आपराधिक कानूनों को प्रेस को डराने-धमकाने का उपकरण नहीं बनाने का आग्रह किया।
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