TrendingPollutionLionel Messinitin nabin

---विज्ञापन---

सावधान! फर्जी पासपोर्ट बनवाने पर हो सकती है 7 साल की जेल, क्या कहता है नया कानून?

केंद्र सरकार ने संसद में नया इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया है। इस बिल के तहत पासपोर्ट के नियमों में कई बदलाव करने की तैयारी है। आइए जानते हैं बिल से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में...

Passport Rules 2025
New Immigration Bill on Forged Passport: बजट सत्र के दूसरे भाग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नया इमिग्रेशन बिल पेश किया है। अगर संसद में यह बिल पास होता है तो अवैध शरणार्थियों से लेकर पासपोर्ट तक पर सख्त कानून देखने को मिलेगा। इस बिल के अनुसार भारत में विदेशियों की एंट्री, होटल में ठहरने, यूनिवर्सिटी में दाखिले और अस्पताल में इलाज तक की सारी जानकारी सरकार को देना अनिवार्य होगी।

क्या है नया कानून?

नए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत हवाई और समुद्री रास्ते से भारत में आने वाले सभी लोगों को जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे। इस नियम के दायरे में न सिर्फ पैसेंजर्स बल्कि क्रू मेंबर्स भी शामिल हैं। वहीं फर्जी पासपोर्ट और नकली दस्तावेज बनवाकर भारत में अवैध शरणार्थियों को घुसाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें- 2150 करोड़ खर्च, इतने करोड़ का दिया टैक्स, राम मंदिर ने भरा देश का खजाना!

सजा और जुर्माना

नए बिल के अनुसार फर्जी पासपोर्ट और नकली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ 2-7 साल तक की जेल या 1-10 लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है। वहीं अगर कोई विदेशी नागरिक बिना पासपोर्ट के भारत में दाखिल होता है, तो उसे 5 साल तक की जेल या 5 लाख रुपए जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है।

रद्द होंगे कई अधिनियम

इस बिल को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को पासपोर्ट (एंट्री इनटू इंडिया) अधिनियम 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स अधिनियम 1939, फॉरेनर्स अधिनियम 1946 और इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलटी) अधिनियम 2000 में संशोधन करना पड़ेगा। इन सभी कानूनों को रद्द भी किया जा सकता है।

वीजा ऑन अराइवल

बता दें कि वर्तमान में भारत 3 देशों को Visa on Arrival की सुविधा देते है। इस लिस्ट में जापान, दक्षिण कोरिया और UAE का नाम शामिल है। इन देशों के नागरिक भारत में एंट्री करने के बाद भी वीजा हासिल कर सकते हैं। यह भी पढ़ें- खालिस्तानी आतंकियों पर अमेरिका ने लिया बड़ा फैसला! जानें अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड के बीच क्या बातचीत हुई?


Topics:

---विज्ञापन---