Netaji Grandnephew Chandra Kumar Bose Resigned From BJP: इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के पीछे की वजह भी उन्होंने बताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें बोस भाइयों सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को आगे बढ़ाने में भाजपा से समर्थन नहीं मिला। न केंद्र सरकार से मदद मिली और न ही बंगाल में भाजपा ने साथ दिया। अब पार्टी में बने रहना असंभव लग रहा था।
2024 में लोकसभा चुनाव है। इससे पहले चंद्र कुमार बोस के इस्तीफे से बंगाल को भाजपा में बड़ा नुकसान हो सकता है। 2016 में चंद्र कुमार बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि 2020 में उन्हें पद से हटा दिया गया था।
मेरे प्रस्तावों को नजरंदाज किया
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मैंने लोगों तक बोस भाइयों की विचारधारा पहुंचाने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा था। लेकिन पार्टी ने मेरे प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया। इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए मेरे लिए भाजपा के सदस्य के रूप में बने रहना असंभव हो गया है।
दादा के बर्थडे को इस्तीफे के लिए चुना
चंद्र कुमार बोस ने इस्तीफा देने के लिए भी खास दिन चुना। हर साल 6 सितंबर को उनके दादा शरत चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। आज उनकी 134वीं जयंती है। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई थे।
इस्तीफे के बाद चंद्र कुमार बोस ने इंडिया बनाम भारत पर चल रही बहस पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि इंडिया ही भारत है। इस बात का जिक्र संविधान भी है।
नहीं पूरा हो पाया सपना
बीजेपी में शामिल होने की बात का जिक्र करते हुए चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी और उनके विकास कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि तब मेरी चर्चा बोस भाइयों की समावेशी विचारधारा पर आधारित थी। मैंने सोचा था कि बोस भाइयों की विचारधारा को भाजपा के मंचों से जनता तक ले जाऊंगा। इसके अलावा एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया था। लेकिन भाजपा ने मदद नहीं की।
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