NCPCR Chief Priyank Kanoongo: पश्चिम बंगाल में सात साल की बच्ची की मौत मामले में अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) और राज्य बाल संरक्षण आयोग (WCPCR)के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियंका कानूनगो ने कोलकाता के तिलजिला पुलिस थाने के एक अफसर पर मारपीट का आरोप लगाया है।
वहीं, डब्ल्यूपीसीआर की अध्यक्ष सुदेशना राय ने दिल्ली दफ्तर को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बच्ची की हत्या के मामले में एनसीपीसीआर को शहर आने की जरूरत नहीं है।
प्रियंका बोले- जताई थी मारपीट की आशंका
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि POCSO और हत्या के मामले में वे शुक्रवार को तिलजला पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। पुलिस कर्मचारी इस मामले में गलत और अनैतिक रूप से वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे, जिसका उन्होंने विरोध किया। विरोध करने पर थाना इंचार्ज ने उनके साथ मारपीट की।
प्रियंका ने कहा कि उन्होंने इस मामले में गृह और मुख्य सचिव को मारपीट की घटना की आशंका जताई थी। उन्होंने यह भी दावा कि वे अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने डीजी से शिकायत की है। हालांकि पुलिस ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है। पुलिस ने प्रियांक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
माता-पिता से मिलने नहीं दिया जा रहा
प्रियांक ने कहा कि हमें राज्य आयोग की अध्यक्ष मृतक बच्चे के माता-पिता से मिलने नहीं दे रही। हम जानना चाहते कि बच्चे के परिवार को मुआवजा मिला या नहीं, घटना की जांच नियमानुसार हुई या नहीं, लेकिन हमें यह नहीं करने दे रहे क्योंकि हमें आशंका है कि इसमें उनके अधिकारियों की गलतियां निकलेंगी।
आगे उन्होंने कहा कि पुुलिस ने साक्ष्य इकट्ठा करते समय दस्ताने तक नहीं पहने थे। उस कमरे में गद्दे आदि को कब्ज़े में भी नहीं लिया गया। पुलिस की इस तरह की नाकामियां सामने आई हैं और इस सबको छुपाया जा रहा है। मैं दिल्ली वापस जाकर अपने वकिलों के साथ इस मामले को उठाऊंगा।