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Nation Maritime Day 2023: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय समुद्री दिवस, जानें इसका महत्व और इतिहास से जुड़े तथ्य

Nation Maritime Day 2023: हर साल की तरह आज यानि 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जा रहा है। इस साल भारत अपना 60वां समुद्री दिवस मना रहा है। भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 अप्रैल 1964 को मनाया गया था, लेकिन भारत में सबसे पहले 5 अप्रैल 1919 को इसकी शुरुआत सिंधिया […]

Nation Maritime Day 2023: हर साल की तरह आज यानि 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जा रहा है। इस साल भारत अपना 60वां समुद्री दिवस मना रहा है। भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 अप्रैल 1964 को मनाया गया था, लेकिन भारत में सबसे पहले 5 अप्रैल 1919 को इसकी शुरुआत सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड की पहली नौका एसएस लॉयल्टी के समुद्र उतरने से हुए थी जिसे देश का पहला स्वदेशी जहाज कहते हैं।

भारत का सामुद्रिक इतिहास

भारत का समुद्री इतिहास 3000 साल ईसा पूर्व के बीच शुरू हुआ माना जाता है, जब सिंधु घाटी के निवासियों ने समुद्री व्यापार शुरू किया था। बताया जाता है कि सिंधु घाटी के रहने वालों ने पहली बार मेसोपोटामिया के साथ समुद्र का आदान-प्रदान शुरू किया था। दक्षिण भारतीय राजा जापान और इंडोनेशिया तक व्यापार करते थे। भारत समुद्री व्यापार मामले में दुनिया का 16वां बड़ा देश है। देश का समुद्री व्यापार लगभग 12 प्रमुख बंदगाहाें से होता है और देश के कुल समुद्री तट की लंबाई 7517 किमी. लंबा है।
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5 अप्रैल 1919 को द सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड का पहला जहाजए एसएस लॉयल्टी, भारत (मुंबई) से यूनाइटेड किंगडम (लंदन) की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर निकला था। यह आज भी भारतीय शिपिंग इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है क्योंकि उस समय समुद्री मार्गों को ब्रिटेन द्वारा नियंत्रित किया जाता था।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस का महत्व

भारत में 43 शिपिंग कंपनियां हैं, जिनके पास 1 हजार 400 से अधिक जहाज हैं। इनकी क्षमता 12.69 मिलियन टन है। शिपिंग माल के परिवहन का सबसे कुशल और लागत प्रभावी तरीका है। इसलिए, भारत अपनी नीतियों में समुद्री सुरक्षा, समुद्री बुनियादी ढांचे, समुद्री शिक्षा और समुद्री मानकों के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

नेशनल मेरीटाइम डे मनाने का उद्देश्य

राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाए जाने का उद्देश्य भारत के लोगों को भारतीय जहाजरानी के प्रति जागरूक करना तथा अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाना है। यह दिवस दुनिया भर में वाणिज्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने और बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है। भारत भी 2030 तक अपने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग में सुधार की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैरिटाइम इंडिया मिशन 2030 की शुरूआत की थी।

देश के पहले समुद्री सुरक्षा समन्वयक

सरकार ने सेवानिवृत वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार को देश का पहला राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक नियुक्त किया। पिछले साल के अंत में सुरक्षा मामले से संबंधित कैबिनेट समिति ने पद के सृजन संबंधी प्रस्ताव पारित किया था।

सर्वश्रेष्ठ नाविकों को किया जाता हैं सम्मानित

नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय नाविकों की सेवाओं और जुड़े हुए किसी अन्य व्यक्ति की सेवाओं को मान्यता देगा। प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर रहा है जिन्होंने समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जैसे सागर सम्मान वरुण पुरस्कार, उत्कृष्टता के लिए सागर सम्मान पुरस्कार, वीरता के लिए सागर सम्मान पुरस्कार आदि। राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर सरकार उन नाविकों के स्मारकों को श्रद्धांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों में खुले समुद्र में अपने प्राणों की आहुति दी थी, जो व्यापक रूप से राष्ट्र के लिए उनकी बहादुरी और बलिदान को दर्शाता है।
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नागरिकों के कर्तव्य

हम इंसानों ने अपने वातावरण में काफी कूड़ा-करकट फैला दिया है। जब हम समुद्रों के किनारे घूमने जाते हैं या पिकनिक मनाने जाते हैं, तो इस दौरान हम खाने-पीने की चीजों को उनके पैकेट्स को, पानी की प्लास्टिक की बोतलों समेत कई ऐसी चीजों को वहीं फेंक देते हैं जो हमारे समुद्रों के लिए और उनमें रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए बेहद खतरनाक होती हैं ऐसे में हमें समय-समय पर किसी अभियान को चलाकर इन समुद्र तटों की सफाई करनी चाहिए।
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