Narayana Murthy Formula For Education, Teachers, Salary: इंफोसिस के को-फाउंडर एन. नारायण मूर्ति ने एक हफ्ते में 70 घंटे काम करने का सुझाव देकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। अब उन्होंने एक और सुझाव देकर खलबली मचा दी है। उन्होंने अब एजुकेशन सिस्टम, टीचर्स और सैलरी को लेकर ऐसा सुझाव दिया है, जो केंद्र और राज्य सरकारों को सोचने पर मजबूर कर देगा। नारायण मूर्ति ने बुधवार को बैंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इंफोसिस साइंस फाउंडेशन के जरिए 6 कैटेगरी में दिए जाने वाले ‘इंफोसिस प्राइज 2023’ की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बात की।
टीचर्स और रिसर्चर्स की सैलरी ज्यादा होनी चाहिए
पत्रकारों से बात करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि केंद्र सरकार को देश स्कूल टीचर्स की ट्रेनिंग पर फोकस करना चाहिए। उन पर सालाना एक अरब डॉलर (करीब 83 अरब रुपए) खर्च करने चाहिएं। उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए दुनियाभर से काबिल 10 हजार रिटायर्ड टीचर्स बुलाएं, ताकि हमारे टीचर्स साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स में ट्रेंड हो सकें। इसके अलावा एक साल का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी अलग से होना चाहिए। सरकार को टीचर्स और रिसर्चर्स की सैलरी पर भी फोकस करना चाहिए। उन्हें अच्छी सैलरी और सुविधाएं देनी चाहिए। उनको सम्मान की नजर से देखना चाहिए, क्योंकि वे हमारी युवा पीढ़ी के रोल मॉडल हैं।
20 साल का प्रोजेक्ट, 20 अरब डॉलर खर्च होंगे
नारायण मूर्ति ने एक और बता कही कि NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र-शासित प्रदेशों में 2500 'ट्रेन द टीचर' संस्थान खोले जा सकते हैं। 4 ट्रेनर प्राइमरी स्कूलों के 100 और सेकेंडरी स्कूलों के 100 टीचर्स को ट्रेंड कर सकते हैं। इस सिस्टम से एक साल में 5 लाख रिटायर्ड टीचर्स ट्रेनर बन जाएंगे। एक ट्रेनर को कम से कम एक लाख अमेरिकी डॉलर वार्षिक वेतन देना चाहिए। 20 साल का प्रोजेक्ट है, जिस पर 20 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रख सकते हैं तो यह खर्च कोई बोझ नहीं होगा। अगर सुझाव महंगा लगे तो हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डेरेक बोक के शब्द याद करें। उन्होंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि शिक्षा महंगी है तो इसे नजरअंदाज करने का प्रयास करें।
उम्मीद है मेरे सुझाव का स्वागत किया जाएगा
नारायण मूर्ति कहते हैं कि देशभर में जितने भी सिस्टम अव्यवस्थाओं से गुजर रहे हैं, उनमें सुधार किया जा सकता है, बशर्ते उनके लिए दिए जाने वाले सुझावों अमल किया जाए। देश में ही कई एक्सपर्ट ऐसे हैं, जो सिस्टम में सुधार का सुझाव देते हैं। ऐसे सुझाव स्वीकार किए जाने चाहिएं। उनका स्वागत होना चाहिए, क्योंकि यह देश भी भलाई की भावना से दिए जाते हैं। टीचर्स रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग देकर ट्रेनर बनाया जा सकता है। खुद ट्रेंड होकर वे दूसरों को ट्रेंड कर पाएंगे।