Nanded Cloudburst Update: महाराष्ष्ट्र के नांदेड़ में बादल फटने से 8 लोगों की मौत हो गई है। मौके पर सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बादल फटने की घटना की पुष्टि की और बताया कि नांदेड़ में बीते दिन भारी बारिश के कारण बादल फटा था। मलबा और पानी अपने साथ सब कुछ बहा ले गया। लोग, उनके घर, खेत-खलिहान, फसलें, जानवर सब बह गए। 8 लोगों के शव मिल चुके हैं। करीब 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
3 नदियां उफान पर बह रहीं
नांदेड़ के कलेक्टर राहुल कर्दिले ने बताया कि मुंबई में भारी बारिश का दौर जारी है। करीब 300 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। मीठी नदी उफान पर बह रही है। भारी बारिश के कारण बीते दिन बादल फटने से मुखेड़ तहसील के 4 गांव तबाह हो गए। SDRF टीमों लोगों को मलबे और पानी से निकाला, लेकिन हसनद गांव में 8 लोगों की जान गई है। उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। पैनगंगा और गोदावरी नदियां अभी भी उफान पर हैं। इनके किनारे बसे लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है।
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2 दिन से खूब बरस रहे बादल
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र के कई जिलों में मानसून के बादल जमकर बरस रहे हैं। पिछले 2 दिन में हुई बारिश ने काफी तबाही मचाई है। पूरा मुंबई पानी से भर गया है। सड़कें तालाब बनी हुई हैं। रेलवे ट्रैक तक पानी में डूब गए हैं। मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में अगले 48 घंटे का रेड अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। समुद्र में हाई टाइट का अलर्ट है और ऊंची-ऊंची लहरें हवाओं का बवंडर बना रही हैं। लोगों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है।
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सड़क और हवाई यातायात ठप
मुंबई शहर के स्कूल, कॉलेज, गवर्नमेंट और नॉन-गवर्नमेंट ऑफिस बंद कर दिए गए हैं। करीब 250 फ्लाइटों पर मौसम का असर पड़ा है। अंडर ब्रिज में 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। लोकल ट्रेन सर्विस ठप हो गई है। नांदेड़ के मुखेड़ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बादल फटा। सेना की 15 सदस्यीय टीम और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) आपदाग्रस्त इलाके में तैनात किया गया है। बांधों से पानी छोड़ा गया है, जिस वजह से नदियां उफान पर बह रही हैं।
बाढ़ और आपदाग्रस्त इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। पड़ोसी राज्य तेलंगाना के साथ को-ऑर्डिनेट करके बांधों से छोड़े गए पानी को नियंत्रित किया जा रहा है। लोगों को नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।