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नागपुर हिंसा में अबू आजमी ने मांगा ‘इंसाफ’, कहा-कानून अपना काम करेगा…

सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा कि बेहद अफसोस के साथ आज नागपुर को सांप्रदायिकता की आग में झुलसते हुए देखा। मेरी हिन्दू-मुस्लिम सभी भाइयों से अपील है की हमें शान्ति बनाए रखना है और आपसी भाईचारे को बढ़ाना है।

abu azmi
नागपुर हिंसा में सपा नेता अबू आजमी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने हिंसा में पीड़ित लोगों के लिए इन्साफ की मांग की है। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा कि बेहद अफसोस के साथ आज नागपुर को सांप्रदायिकता की आग में झुलसते हुए देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी हिन्दू-मुस्लिम सभी भाइयों से अपील है की हमें शान्ति बनाए रखना है और आपसी भाईचारे को बढ़ाना है। सपा नेता ने आगे कहा कि मैं बहुत दूखी हूं। उन्होंने दावा किया कि नागपुर में आज से पहले कभी दंगा नहीं हुआ। उनका कहना था कि हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का देश है। हमें किसी के भड़काने पर नहीं आना है। रमजान का पाक महीना चल रहा है। ऐसे में सभी को शांति बनाकर रखनी है। हिंदू-मुस्लिम सभी को साथ मिलकर रहना है। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना है। कानून अपना काम करेगा, सभी को इंसाफ मिलना चाहिए।

महाराष्ट्र के मंत्री ने अबू आजमी को ठहराया था जिम्मेदार 

इससे पहले आज दिन में महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने नागपुर हिंसा के लिए अबू आजमी को जिम्मेदार ठहराया था। राणे ने मीडिया में दिए बयान में कहा था कि अबू आजमी ने ही औरंगजेब के विवाद को शुरू किया था। उन्होंने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये हिंसा पूर्व से सुनियोजित लग रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि यह हिंसा राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले में जिम्मेदार लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

अबू आजमी पर बीजेपी विधायक ने साधा निशाना 

राणे के अलावा महाराष्ट्र से भाजपा विधायक राम कदम ने भी नागपुर हिंसा में अबू आजमी को जिम्मेदार ठहराया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जिस अबू आजमी को अपनी गोद में बैठाया, वह इसके लिए जिम्मेदार हैं। आजमी ने औरंगजेब की जय-जयकार की शुरुआत की, जिससे ये पूरा विवाद शुरू हुआ था। ये भी पढ़ें: 19 मार्च 1998 को वाजपेयी दूसरी बार बने थे पीएम, 13 महीने में सरकार गिरने के 5 कारण


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