पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। एक ओर जहां पुलिस प्रशासन का दावा है कि स्थिति अब सामान्य है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया, "मुर्शिदाबाद के हिंदू लोग जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर मालदा भाग रहे हैं। यह ममता बनर्जी सरकार की विफलता और तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। राज्य में न तो रोजगार है, न शिक्षा और न स्वास्थ्य, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति चल रही है। हिंदुओं की हत्या, प्रताड़ना, दुकानों की लूट और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और सरकार कहती है कि हिंदू भड़का रहे हैं।"
"बिना राष्ट्रपति शासन के नहीं हो सकते चुनाव" - सुवेंदु अधिकारी
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, “डिविजनल बेंच ने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए CAPF (केंद्रीय बलों) को पूरी आजादी दी है। लेकिन राज्य की स्थिति ऐसी है कि बिना राष्ट्रपति शासन के निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। हम जिहादियों से लड़ने को तैयार हैं, लेकिन चुनाव आयोग को चाहिए कि चुनाव राष्ट्रपति शासन में कराए।” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जिन बूथों पर हिंदू 50% से कम हैं, वहां उन्हें वोट डालने नहीं दिया जाएगा, इसलिए चुनाव की पूर्व संध्या पर चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करनी चाहिए।
अमित मालवीय का हमला: "पुलिस टीएमसी कैडर की तरह काम कर रही है"
भाजपा के सह-प्रभारी और IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ममता सरकार और पुलिस पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हिंसा की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा: “पश्चिम बंगाल पुलिस ममता बनर्जी की चप्पलें चाटना और टीएमसी कैडर की तरह काम करना बंद करे। उन्हें राजनीति करने के बजाय अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके कई वरिष्ठ अधिकारी पहले से कई मामलों का सामना कर रहे हैं, जैसे संदेशखली और आरजी कर मामलों में बलात्कार पीड़ितों की पहचान उजागर करने का आरोप।”
फोटो पर मचा बवाल
पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा द्वारा शेयर की गई हिंसा की तस्वीरों को फेक करार देते हुए कहा कि ये किसी और राज्य की पुरानी तस्वीरें हैं, ना कि बंगाल की। इसके जवाब में अमित मालवीय ने नई तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा,"देखिए, यह वही व्यवहार है जो ममता बनर्जी का वोट बैंक आपके साथ करता है।"