मिशन लोकसभा: किसी मुद्दे पर अलग-अलग राय न हो, एक लाइन एक भावना के तहत… NDA ने बनाई ये खास रणनीति
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अलग-अलग मुद्दों पर एनडीए की रणनीति तो एक साथ तैयार होगी ही, साथ ही बीजेपी एनडीए के सभी सहयोगियों के साथ मिल कर चुनावी रणनीति भी तय करेगा। इसके साथ ही हर मुद्दे पर एनडीए की एक भावना मीडिया के माध्यम से देश के सामने जाए, इसकी भी तैयारी की गई है। क्योंकि एनडीए को लगता है कि साथ होने का मतलब सिर्फ साथ दिखना नहीं, बल्कि अलग-अलग मुद्दों पर एक राय होना भी जरूरी है। इससे गठबंधन समग्र रुप से आइडियोलॉजिकली भी एक दिखेगा।
इन्हीं सब बारीकियों को ध्यान में रखते हुए एनडीए के वरिष्ठ नेताओं ने तय किया है कि एनडीए के प्रवक्ताओं का एक पैनल बनाया जाए। इस पर काम भी शुरू हो गया है। एनडीए प्रवक्ताओं की टीम टेलीविजन चैनल्स पर डिबेट में एकरूपता लाने का काम करेगा।
एनडीए प्रवक्ताओं के पैनल की जरूरत क्यों!
जनता तक पहुंचने के हर माध्यम जैसे टीवी, अखबार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एनडीए की हर मुद्दे पर एक लाइन एक भावना, एक स्वर में जाए, तभी गठबंधन दिखता है। इसके लिए जरूरी है कि एनडीए के प्रवक्ता भी एक मुद्दे पर एक ही स्वर और भावना के साथ बात करें। इसी वजह से एनडीए का पैनल बनाया गया है। विपक्ष गठबंधन "इंडिया" ने भी कई पैनल तैयार किए हैं। एनडीए के पैनल का काम एक मुद्दे पर एक लाइन के साथ-साथ टेलीविजन डिबेट में भी विपक्षी इंडिया गठबंधन के नैरेटिव को एक स्वर में ध्वस्त करना है। एनडीए के सभी सहयोगियों को प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के दौरान हुए काम और विपक्षी सरकारों के दौरान हुए काम का अंतर बताते हुए तमाम सामग्री दे दी गई है, ताकि सरकार के काम काज पर अगर विपक्ष के नेता सवाल उठाते हैं तो फिर आंकड़ों के साथ उनको काउंटर किया जा सके।
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एनडीए के पैनल में कौन-कौन है शामिल
एनडीए प्रवक्ताओं के पैनल में फिलहाल 11 कुशल वक्ताओं को जगह दिया गया है। एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के तरफ से पांच प्रवक्ता इस पैनल में होंगे। अनिल बलूनी, सुधांशु त्रिवेदी, गौरव भाटिया, शहजाद पूनावाला और संबित पात्रा बीजेपी के तरफ से एनडीए प्रवक्ताओं की टीम में शामिल हैं। एनसीपी अजीत पवार ग्रुप जो अब एनडीए का हिस्सा है उनके तरफ से बृजमोहन श्रीवास्तव और एलजेपी से धीरेंद्र कुमार मुन्ना समेत 4 और नेताओं को इस टीम में जगह दी गई है। लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर एनडीए प्रवक्ताओं की संख्या बढ़ाकर 21 तक की जाएगी।
एनडीए प्रवक्ताओं की हर महीने होगी बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनडीए प्रवक्ताओं के पैनल बनाने के पीछे की रणनीति ये है कि राष्ट्रीय और राज्य के स्तर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता के सामने एनडीए की एक लाइन पहुंचे। इसके लिए इन तमाम प्रवक्ताओं की महीने में एक दिन फिजिकल और बाकी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुद्दों और रणनीतियों पर चर्चा के लिए बैठक होगी। बीजेपी का मीडिया और रिसर्च विभाग सभी एनडीए के प्रवक्ताओं को महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपडेट रखेगा और व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए उनको जानकारी, अध्ययन सामग्री और एनडीए का लाइन ऑफ डिबेट क्या है ये जानकारी उपलब्ध करवाता रहेगा।
कब बनी रणनीति
एनडीए की दिल्ली में पिछली बैठक और एनडीए सांसदों के क्लस्टर बैठक पीएम के साथ हुई तब इस चीज को महसूस किया गया कि, एनडीए के प्रवक्ताओं को अलग-अलग मुद्दों पर जानकारी का अभाव है और इस वजह से आगे दिक्कत आ सकती है। लिहाजा सबसे पहले संसद के मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को एनडीए के 6 दर्जन प्रवक्ताओं का संसद भवन परिसर में एक दिन का विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें तमाम वरिष्ठ मंत्रियों और बीजेपी के प्रवक्ताओं ने टेलीविजन डिबेट से जुड़ी बारीकियों से उनको अवगत करवाया। उसी समय एनडीए के प्रवक्ताओं का पैनल बनाने का फैसला लिया गया और अब टीम का शुरुआती तौर पर गठन किया गया है।
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