Manipur violence: मणिपुर में हिंसा के छठे दिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ऐलान किया कि हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति व समूह का पता लगाने के लिए जल्द से जल्द एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 3 मई को हुई हिंसा के बाद अब तक 60 निर्दोष लोगों की जान चली गई। 231 लोगों को चोटें आईं और लगभग 1700 घर जल गए। मैं लोगों से राज्य में शांति की अपील करता हूं। फंसे हुए लोगों को उनके संबंधित स्थानों तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया है।
सीएम बीरेन सिंह ने बताया कि अब तक 20 हजार फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका है। करीब 10 हजार लोग अब भी फंसे हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घटना के दिन से लेकर आज तक स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने केंद्रीय बलों की कई कंपनियां भी भेजी हैं।
कर्फ्यू में दी गई ढील, मुआवजे का ऐलान
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि लोगों को जरूरी सामान खरीदने के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। मृतकों के परिवार के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर चोट से घायल लोगों के लिए 2 लाख और गैर-गंभीर चोट के लिए 25 हजार रुपये तथा जिनके घर जले हैं उन्हें 2 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्वास का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मणिपुर हिंसा के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वाली पीठ को राज्य के ताजा हालातों और केंद्र व राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्वास की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही केंद्र और मणिपुर सरकार से 10 दिन में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अब मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की गई है।
यह भी पढ़ें:Karnataka Election:4% मुस्लिम आरक्षण गैर-संवैधानिक था, अमित शाह बोले- कांग्रेस ने तुष्टीकरण के लिए आरक्षण दिया था, हमने हटा दिया