Manipur Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बताया गया है कि यह घटनाक्रम दिल्ली में अमित शाह के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की मांग को दोहराया था।
जानकारी के मुताबिक, एन बीरेन सिंह आज सुबह इंफाल से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अमित शाह से उनके आवास पर करीब 45 मिनट तक मुलाकात की। मणिपुर सीएम ने इस दौरान राज्य की स्थिति (Manipur Violence) और कानून व्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया। सूत्रों ने बताया है एन बीरेन सिंह वापस मणिपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
सीएम बीरेन सिंह ने मुलाकात के बाद किया ट्वीट
बैठक के बाद बीरेन सिंह ने ट्वीट किया कि गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कड़ी निगरानी में राज्य और केंद्र सरकारों ने हिंसा को काफी हद तक नियंत्रित किया है।
बताया गया है कि यह मुलाकात अमित शाह की ओर से 18 दलों के साथ सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद हुई। सर्वदलीय बैठक मणिपुर हिंसा पर केंद्रित थी। कई विपक्षी दलों ने सुझाव दिया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करना चाहिए।
चार घंटे चली सर्वदलीय बैठक
करीब 4 घंटे तक चली बैठक में कुछ दलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल बर्खास्त करने और भाजपा शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की। इससे पहले 9 भाजपा विधायकों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य के लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पर पूरा भरोसा खो दिया है। विधायकों ने पीएम मोदी को पांच सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा था।
धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालातः शाह
सर्वदलीय बैठक में अमित शाह ने कहा कि मणिपुर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। 13 जून के बाद से पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उन्होंने बैठक में कहा कि मोदी सरकार मणिपुर की समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मणिपुर में शांति बहाली करने में मदद के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की मांग करते हुए बैठक बुलाई थी।
ये दल हुए थे बैठक में शामिल
बैठक में भाजपा, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, मिजो नेशनल फ्रंट, बीजेडी, एआईएडीएमके, डीएमके, राजद, समाजवादी पार्टी, आप समेत कई पार्टियां शामिल हुई थीं। बता दें कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं।
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