Ethics Committee Report on Mahua Moitra Cash for Query Case: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वैरी मामले में एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा में पेश कर दी। रिपोर्ट में मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने और मामले में भारत सरकार की ओर से जांच कराने की सिफारिश की गई है।
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा की ओर से किए गए गंभीर गलत कार्यों के लिए उन्हें कड़ी सजा देने की जरूरत है। इसलिए समिति सिफारिश करती है कि उन्हें 17वीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महुआ मोइत्रा के बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरम को देखते हुए समिति भारत सरकार से समयबद्ध तरीके से गहन कानूनी जांच की सिफारिश करती है।
जोशी लाए चर्चा के लिए लोकसभा में प्रस्ताव
रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव रखा है। वहीं, विपक्षी सदस्यों ने कहा है कि हमें एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की प्रति नहीं मिली है।
मोइत्रा को अपनी बात रखने का मौका मिले
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर कहा है कि मोइत्रा को इस बात का मौका दिया जाना चाहिए कि वह रिपोर्ट पर अपने विचार रख सकें। चौधरी ने आगे कहा कि इस मामले में एथिक्स कमेटी की 495 पन्नों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए कम से कम चार दिन का समय दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता थरूर ने रिपोर्ट का विरोध किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस रिपोर्ट को आधारहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी बेसिक रिपोर्ट के लिए मानकों का पालन करने में विफल रही है। इसे बिना किसी गंभीर चर्चा के महज ढाई मिनट में स्वीकार कर लिया गया।
इस मामले को लेकर भाजपा सांसद हिना गावित ने कहा है कि साल 2005 में यूपीए सरकार के दौरान एक रिपोर्ट पेश की गई थी और 10 लोकसभा सदस्यों को उसी दिन निष्कासित कर दिया गया था। गावित ने आगे कहा कि एथिक्स पैनल ने महुआ मोइत्रा से एफिडेविट के आधार पर सवाल पूछे थे। निजी सवाल पूछ कर कोई 'चीरहरण' नहीं किया गया था।
'सदन के पास नहीं है मोइत्रा को निकालने की शक्ति'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर लोकसभा में कहा है कि सदन के पालस महुआ मोइत्रा को सदस्य के तौर पर निकालने की शक्ति नहीं है।