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सरकारी कर्मचारी हैलो नहीं, वंदे मातरम से शुरू करेंगे बात, महाराष्ट्र के मंत्री का ऐलान

मुंबई: महाराष्ट्र भर के सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी मोबाइल पर हैलो नहीं बल्कि वंदे मातरम के साथ बातचीत शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मंत्रिपरिषद के विभागों की सूची जारी करने के बाद संस्कृति मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इसका ऐलान किया। सांस्कृतिक मामलों का मंत्री बनाए जाने के कुछ मिनट बाद सुधीर मुनगंटीवार […]

मुंबई: महाराष्ट्र भर के सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी मोबाइल पर हैलो नहीं बल्कि वंदे मातरम के साथ बातचीत शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मंत्रिपरिषद के विभागों की सूची जारी करने के बाद संस्कृति मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इसका ऐलान किया। सांस्कृतिक मामलों का मंत्री बनाए जाने के कुछ मिनट बाद सुधीर मुनगंटीवार ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, इसका उद्देश्य 'विदेशी' शब्द हैलो को अलविदा देकर स्वदेशी का पालन करना है। मुनगंटीवार ने कहा, ''देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और इसके औचित्य के अनुरूप यह निर्णय लिया गया कि सरकारी कर्मचारी अब नमस्ते नहीं करेंगे बल्कि वंदे मातरम से टेलीफोन पर बातचीत शुरू करेंगे।'' भावनाओं का प्रतीक ''वन्दे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि भारत माता के प्रति भारतीयों की भावनाओं का प्रतीक है। 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित इस गीत ने उस समय के स्वतंत्रता सेनानियों को जोश में डालने का काम किया। मुनगंटीवार ने कहा, 'हे मां आपको नमन' की भावना व्यक्त करते हुए बंकिमचंद्र ने कई लोगों के दिलों में देशभक्ति की एक चिंगारी जगा दी। वंदे मातरम से शुरुआत आगे मुनगंटीवार ने कहा, ''इस रचना का हर शब्द जो भारतीय मन का केंद्र बिंदु है, देशभक्ति की भावना जगाता है। 1800 में जब से टेलीफोन अस्तित्व में आया, तब से हम हैलो शब्द से बातचीत शुरू कर रहे हैं लेकिन सभी कार्यालयों में सरकारी कर्मचारी वंदे मातरम से शुरू करेंगे।''


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