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Maha Kumbh के लिए इस पाकिस्तानी को मिला वीजा, 30 लाख हिंदुओं की जगी उम्मीद

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 में पाकिस्तान से हिंदू भारत आएंगे, अपने मृतक रिश्तेदारों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने। भारत सरकार ने उन्हें अनुमति दी है। महंत श्री रामनाथ महाराज के नेतृत्व में यह धार्मिक कार्य होगा। क्या यह अनोखा दृश्य एक नई धार्मिक एकता का प्रतीक बनेगा? आइए जानते हैं...

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा जब पाकिस्तान से कुछ हिंदू भारत आएंगे और संगम में पवित्र स्नान करेंगे। खास बात यह है कि वे अपने मृतक रिश्तेदारों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करेंगे। भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए इन हिंदू परिवारों को अपनी मृतकों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने की अनुमति दी है। यह धार्मिक कार्य महंत श्री रामनाथ महाराज के नेतृत्व में होगा, जिन्होंने पहले भी 2011 और 2016 में ऐसी प्रक्रिया को पूरा किया था। आइए जानते हैं...

पाकिस्तान से अस्थियां भारत लाने की अनुमति

महाकुंभ 2025 के दौरान पाकिस्तान से कुछ लोग भारत आएंगे और वे गंगा में पवित्र स्नान करेंगे। पाकिस्तान में लगभग 30 लाख हिंदू रहते हैं और उनके परिवारों ने भारत सरकार से अपने मृतक रिश्तेदारों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने की अनुमति मांगी थी। 2022 में भारत सरकार ने एक नई नीति बनाई थी, जिसके तहत पाकिस्तान के हिंदू परिवारों को अपनी मृतक रिश्तेदारों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने का अवसर दिया गया। इस बार 480 हिंदू परिवारों की अस्थियां भारत लाई गई हैं, जो गंगा में प्रवाहित की जाएंगी।

अस्थियों का विसर्जन और धार्मिक क्रियाएं

महाकुंभ के दौरान ये अस्थियां प्रयागराज में गंगा में विसर्जित की जाएंगी। महंत श्री रामनाथ महाराज, जो पाकिस्तान के कराची में स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रमुख सेवक हैं, भारत आए हैं। वे अटारी सीमा से भारत में प्रवेश किए हैं। इन अस्थियों को पहले हरिद्वार में विधिपूर्वक विसर्जित किया जाएगा और फिर प्रयागराज में कुंभ स्नान में डुबकी लगाने के बाद इनका विसर्जन होगा। अस्थियां पहले मंदिर या श्मशानघाट में सुरक्षित रखी थीं ताकि इनके परिवार की इच्छा अनुसार गंगा में विसर्जित किया जा सके।

भारत सरकार ने 10 दिन का दिया वीजा

भारत सरकार ने महंत श्री रामनाथ को 10 दिनों का वीजा दिया है, ताकि वे इस धार्मिक कार्य को पूरा कर सकें। महंत रामनाथ ने पहले भी 2011 और 2016 में पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत भेजी थीं, जिन्हें गंगा में प्रवाहित किया गया था। इस बार फिर से भारत सरकार ने अनुमति दी है ताकि पाकिस्तान के हिंदू अपने मृतकों के प्रति श्रद्धा अर्पित कर सकें और उनकी आत्मा को शांति मिल सके।


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