Lok Sabha elections 2024: राजनीति की ‘विरासत’ में यह लाडले ठोक रहे ताल, क्या होगी इनकी ‘राह’ आसान?
लोकसभा चुनाव 2024
Lok Sabha elections 2024(अमित कसाना): देशभर में लोकसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इन चुनावों में कई बड़े राजनेता, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के बच्चे भी प्रत्याशी होंगे। हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जिसके बाद राजनेताओं की विरासत संभाल रहे उनके पुत्र और पुत्रियों की काबिलियत और उनके चुनाव प्रबंधन पर चर्चा होने लगी है। क्या यह न्यू जनरेशन केवल सोशल मीडिया पर एक्टिव है या जमीनी स्तर पर भी इनकी लोगों में पकड़ है इसी को तलाशती हमारी यह स्टोरी।
दावा नया, लेकिन राजनीति के अखाड़े में पुराने माहिर हैं नकुल
हर राज्य में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बिहार में नई NDA सरकार का गठन और पंजाब में आम आदमी पार्टी का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान इसके ताजा बड़े उदाहरण हैं। सोमवार को मध्यप्रदेश की एक खबर सुर्खियों में रही। न्यूज थी नकुलनाथ का छिंडवाड़ा से लोकसभा चुनाव का ऐलान। मध्यप्रदेश की राजनीतिक में नकुलनाथ नए नहीं है। वह पहले भी छिंडवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और वर्तमान में वहां से जीते हुए सांसद हैं। पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के अनुभव का उन्हें पूरा फायदा मिला है वह लंबे समय से अपने पिता की परछाई बनकर काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीट हैं। छिंदवाड़ा साल 1951 में अस्तित्व में आया था और यहां सात विधानसभा सीटें है।
मुमताज के लिए बीजेपी का किला 'भेदना' आसान नहीं
कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने गुजरात के भरुच लोकसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इससे पहले इस सीट से अहमद पटेल चुनाव लड़ते थे। कांग्रेस नेता ने यहां साल 1977 में पहली बार चुनाव लड़ा था। अहमद पटेल को कांग्रेस का 'चाणक्य' कहा जाता है। मुमताज भी अपने पिता के साथ पहले से सक्रिय हैं। पिता के जीवित रहते हुए उन्हें अकसर समाज सेवा से जुड़े कार्यक्रमों में देखा जाता था। हालांकि उनके पिता कभी भी उनके राजनीतिक में पूरी तरह आने और चुनाव लड़ने के हक में नहीं थे। अब पिता के देहांत के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। सबसे खास बात यह है कि भरुच लोकसभा की सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार बीते 35 सालों से चुनाव जीत रहे हैं। इस सीट लगातार जीत हासिल की है। यहां वर्तमान में बीजेपी के मनसुख वसावा जीते हुए सांसद हैं, वह आदिवासी नेता हैं। ऐसे में मुमताज के लिए बीजेपी का किला भेदना इतना आसान नहीं होगा।
जयंत चौधरी ने 'कंधों' पर थाम रखी दादा-पिता की विरासत
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के बेटे जयंत सिंह ने यूपी के छपरौली में उनकी विरासत संभाल रखी है। बता दें जयंत की पार्टी रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रभाव रखती है। आने वाली 12 फरवरी को पार्टी ने चौधरी अजित सिंह की मूर्ति अनावरण का कार्यक्रम रखा है। जिसमें मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर समेत आसपास से बड़ी संख्या में रालोद समर्थक जुटेंगे। अनुमान है कि जयंत इस कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। फिलहाल जयंत चौधरी राज्यसभा के सदस्य हैं।
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