Lok Sabha Election 2024 और 400 सीटें जीतने को ‘तिकड़ी’ की प्लानिंग फाइनल, जानें क्या दांव खेलेगी भाजपा?
उपचुनाव के नतीजों से घबराई बीजेपी
BJP Strategy For Lok Sabha Election 2024 (कुमार गौरव, जयपुर): लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटें जीतने का टारगेट लेकर भाजपा चुनावी रण में उतरी है। वहीं इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा अलग-अलग तरह की रणनीतियां बना रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा की 'तिकड़ी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खास प्लानिंग कर चुके हैं। दांव चलने की तैयारी हो चुकी है। भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कराने का प्लान भी बना चुकी है। इसके लिए पार्टी की इंटरनल बैठक हो चुकी है, जिसमें विभिन्न महासचिवों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
विनोद तावड़े को मिला जॉइनिंग कमेटी का प्रभार
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा हाईकमान ने विनोद तावड़े को जॉइनिंग कमेटी का प्रभारी बनाया है। जॉइनिंग कमेटी ही दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं और सांसदों को भाजपा में लाने की संभावना तलाशेगी। फैसला चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवार के प्रभाव और चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर लिया जाएगा। पार्टी उन सीटों के लिए विकल्प पर विचार करेगी, जहां लगता है कि चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार नहीं है। भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को साथ मिलाकर अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है। खासकर उन सीटों पर, जहां पार्टी कमजोर है, जहां दूसरे दलों के किसी नेता को शामिल करने से जीत की संभावना बढ़ सकती है।
राधा मोहन दास अग्रवाल बनाएंगे विजन डॉक्यूमेंट
भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम पार्टी के महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल को सौंपा है। चुनाव प्रचार और दूसरे कामों की जिम्मेदारी सुनील बंसल और दूसरे महासचिवों को दी गई है, जबकि दुष्यंत गौतम देशभर में बौद्ध सम्मेलन आयोजित करके मोदी सरकार के काम और उपलब्धियां लोगों को बताएंगे।
40 फीसदी सांसदों काट सकता चुनाव टिकट
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के लिए भाजपा देशभर में अपने सिटिंग सांसदों में से 40 फीसदी सांसदों के चुनाव टिकट इस बार काट सकती है। भाजपा कर्नाटक में आधे मौजूदा सांसदों को बदलने की योजना बना रही है। लिस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा का नाम भी शामिल है। हालांकि वह पहले ही सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर चुके हैं। कुल 13 सांसदों का टिकट इस बार काटा जा सकता है।
जिन निर्वाचन क्षेत्रों में वर्तमान सांसदों की जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा जा सकता है, उनमें गंगा-हावेरी, बेंगलुरु उत्तर, बेल्लारी, रायचूर, बेलगाम, बीजापुर, मांड्या, कोलार, चिक्काबल्लापुर, चामराजनगर, दावणगेरे, तुमकुर और कोप्पल शामिल हैं। बताया जा कि मौजूदा सांसदों को बदलने का निर्णय भाजपा ने बढ़ती उम्र, पिछले कार्यकाल में खराब प्रदर्शन और सत्ता विरोधी लहर के कारण लिया है।
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