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‘राम’ भरोसे बीजेपी तो ‘सीता’ भरोसे इंडिया गठबंधन, जानें लोकसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा असर

Lok Sabha Election 2024 : देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के सामने हिंदू वोटरों को साधना सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।

JP Nadda and Nitish Kumar (File Photo)
Lok Sabha Election 2024 : देश में अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कुछ महीने ही बचे हैं। इस चुनाव में एनडीए को चुनौती देने के लिए सामने इंडिया गठबंधन खड़ा है। भाजपा की सबसे बड़ी ताकत हिंदुत्व और हिंदू रही है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को पता है कि मुस्लिम वोटर उनके पास ही रहेगा और अब हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाने की तैयारी चल रही है। राम भरोसे बीजेपी तो सीता भरोसे इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव में उतरेगा। आइये जानते हैं कि इसका लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में है और बीजेपी इसे भव्य बनाने में जुटी हुई है। श्रीराम मंदिर से देश के हिंदुओं की आस्था जुड़ी है और मंदिर के निर्माण का श्रेय भाजपा को जाता है। पार्टी पर पहले से कट्टर हिंदुत्व की मुहर लगी है और अब बीजेपी राम भरोसे ही लोकसभा चुनाव 2024 में उतरने वाली है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों को डर सताने लगाने लगा है कि बिना हिंदू वोट के केंद्र की सत्ता तक पहुंचा आसान नहीं है, इसलिए वे लोग सीता मैया की शरण में जाने की योजना बना रहे हैं। यह भी पढ़ें : दोगुनी हुई Nitish की प्रॉपर्टी, लालू के ‘लाल’ उनसे भी अमीर विपक्ष ने सॉफ्ट हिंदुत्व का चला दांव इंडिया गठबंधन में सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है। उनके चलते ही लोकसभा चुनाव में एनडीए की लड़ाई टफ हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सॉफ्ट हिंदुत्व का दांव चलते हुए बिहार में सीता माता की जन्मस्थली को भव्य बनाने का प्लान बनाया है। इसके लिए नीतीश सरकार ने सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में स्थित मां जानकी जन्मभूमि मंदिर को डेवलप करने के लिए 72 करोड़ की मंजूरी दी। इंडिया गठबंधन सीता माता के भरोसे अपनी चुनावी लड़ाई को आगे बढ़ाने का प्लान तैयार कर रहा है। आस्था के रास्ते सत्ता पाने की चाहत भाजपा के राम मंदिर मुद्दे के सामने इंडिया गठबंधन का सीता मैया मुद्दा कितना सफल होगा, ये तो लोकसभा चुनाव में ही पता चलेगा। इंडिया गठबंधन ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि श्रीराम मंदिर का उद्घाटन समारोह एक धार्मिक कार्यक्रम है, लेकिन इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है। साथ इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में जाने से इनकार कर दिया है। अगर पिछले कुछ विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो विपक्षी दलों के नेता भी मंदिरों में दर्शन करते देखे गए थे। ऐसे में हर पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले आस्था का रास्ता अपना रही है।


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