लोकसभा ने मंगलवार को वन नेशन-वन इलेक्शन पर बनी संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। अब इसके कार्यकाल को मानसून सत्र 2025 के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक बढ़ाया गया है। भाजपा के सांसद पीपी चौधरी ने यह प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था। वन नेशन-वन इलेक्शन के तहत देशभर में 2029 तक एक साथ चुनाव कराने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। केंद्रीय कैबिनेट से इसके विधेयक को मंजूरी मिल भी चुकी है। मगर संसद के दोनों सदनों में विधेयक अभी पास होना बाकी है।
आज दोपहर को होगी बैठक
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर रिपोर्ट पेश करने के लिए समय बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव रखा था। जेपीसी की बैठक दोपहर 3 बजे होनी है। बैठक के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) के वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल अपनी-अपनी बात रखेंगे। समिति की अगली बैठक 2 अप्रैल को होनी प्रस्तावित है। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस हेमंत गुप्ता विचार रखेंगे। इसके बाद सप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और भारत के 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान चर्चा करेंगे।
18 मार्च को हुई थी चर्चा
ये बैठकें समिति द्वारा दो विधेयकों की समीक्षा करने के लिए आयोजित होंगी। इसका उद्देश्य संविधान और केंद्र शासित प्रदेशों को नियंत्रित करने वाले कानूनों में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। जेपीसी की इससे पहले 18 मार्च को मीटिंग हुई थी, जिसमें पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे मौजूद थे। ANI के अनुसार पीपी चौधरी ने बताया था कि हरीश साल्वे ने 3 घंटे तक सदस्यों से बातचीत की थी। इसके बाद मेंबर्स के साथ विधि आयोग के अध्यक्ष रहे अजीत प्रकाश शाह ने 2 घंटे तक चर्चा की। 5 घंटे चली बैठक में सकारात्मक बातचीत हुई थी।
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