लद्दाख हिंसा के बाद सामजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तार लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस मामले में उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो सोनम के बचाव में जुटीं हुईं हैं। अब पत्नी अंगमो ने सोनम की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। गीताांजलि अंगमो ने हैबियस कॉर्पस याचिका के माध्यम से अपने पति की रिहाई की मांग की है।
स्वास्थ्य पर जताई चिंता
सोनम वांगचुक की पत्नी गीताांजलि अंगमो ने एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी है कि वांगचुक की नजरबंदी के खिलाफ एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जरिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय से राहत मांगी है। कहा कि आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम वांगचुक के स्वास्थ्य, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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संघों ने भी की मांग
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर लद्दाख बौद्ध संघ (LBA) और अखिल लद्दाख गोंपा संघ (ALGA) ने संयुक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से अत्यधिक बल प्रयोग और अंधाधुंध गोलीबारी की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो। कहा कि मारे गए और गंभीर रूप से घायल लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा दिया जाए। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को तत्काल रिहा किया जाए।
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पत्नी ने राष्ट्रपति से भी लगा चुके हैं लगाई
सुप्रीम कोर्ट में गुहार से पहले सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी रिहाई के लिए पत्र लिख चुकी हैं। राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए वांगचुक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पिछले 4 वर्ष से लोगों के हितों के लिए काम करने के कारण उनके पति को बदनाम किया जा रहा है। गीतांजलि ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि सोनम किस स्थिति में हैं। कहा कि हम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई का आग्रह करते हैं। सोनम ने लद्दाख की धरती के वीर सपूतों की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। कहा कि हमारे महान राष्ट्र की रक्षा में भारतीय सेना के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
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