लद्दाख में अलग दर्जे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुआ. बीजेपी ऑफिस में आगजनी की गई. प्रदर्शन के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने के बाद उन्होंने पुलिस पर भी पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने लेह में मौजूद भाजपा कार्यालय में भी आग लगा दी.
दो की बिगड़ी तबीयत तो...
प्रदर्शनकारी लद्दाख को अलग दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे. सोनम वांगचुक भी भूख हड़ताल पर बैठे थे. हिंसक प्रदर्शन के बाद उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. शाम होते-होते उन्होंने अपनी भूख हड़ताल को खत्म कर दी. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा ने 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल का आह्वान किया था. हड़ताल के दौरान 15 में से दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद बंद का आह्वान किया गया और फिर इसी बंद के दौरान हिंसा की गई.
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क्या बोले सोनम वांगचुक ?
पीटीआई के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक ने कहा कि युवाओं में निराशा बढ़ रही है क्योंकि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से कोई परिणाम नहीं निकल रहा है. हिंसा ने हमारे शांतिपूर्ण विरोध को एक ही दिन में दबा दिया, ऐसा लग रहा है कि यह विफल हो रहा है. यहां के राजनीतिक दल अक्षम हैं, उनमें युवाओं को दिशा देने की क्षमता नहीं है. लोग गुस्से में हैं.
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बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
वहीं बीजेपी ने इस प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर लद्दाख में हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग है. उसे भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय तथा हिल काउंसिल को निशाना बनाकर की गई हिंसा में शामिल होते हुए साफ देखा जा सकता है. क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं?
लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन पर लद्दाख के एलजी कविंदर गुप्ता ने कहा, "लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध प्रदर्शन एक अधिकार है. हालांकि यह शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. पिछले दो दिनों से लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है और यहां हुए विरोध प्रदर्शन की तुलना बांग्लादेश और नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शनों से की जा रही है. इससे विरोध प्रदर्शन के पीछे किसी साजिश की बू आ रही है.
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उन्होंने कहा कि जब कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तैनात की गई तो सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी गई. विरोध प्रदर्शन के दौरान डीजी के वाहन पर पथराव किया गया. अगर इस विरोध प्रदर्शन को नहीं रोका जाता तो ये लोग (प्रदर्शनकारी) पूरे लेह शहर को बर्बाद कर देते. विरोध प्रदर्शन में लद्दाख के बाहर के व्यक्तियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी. आज जो लोग मारे गए हैं उनके लिए कौन जिम्मेदार है? ये वही लोग हैं जिन्होंने विरोध प्रदर्शन को भड़काया. ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि लद्दाख में शांति बनी रहे.