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कोलकाता डॉक्टर मामले में दोषी संजय रॉय को क्यों नहीं मिली मौत की सजा? कोर्ट ने खारिज की CBI की डिमांड

Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता में डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सीबीआई ने मांग की थी कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए। कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।

Kolkata Doctor Misdeed Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सीबीआई ने मृत्युदंड की मांग की थी। न्यायालय ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है। इस वजह से कोर्ट ने CBI की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सियालदह की सिविल और क्रिमिनल कोर्ट से 31 साल की डॉक्टर के परिवार ने कड़ी सजा देने की मांग की थी। संजय रॉय को कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया था। यह भी पढ़ें:गोवा में 2500 करोड़ से होगा 4 Expressways का विस्तार; इन शहरों के बीच कनेक्टिविटी होगी बेहतर पिछले साल अगस्त में संजय रॉय ने सो रही महिला डॉक्टर के साथ रेप किया था। अस्पताल परिसर में ही आरोपी मर्डर करके फरार हो गया था। सीबीआई के वकील ने दोषी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। उन्होंने न्यायालय में कहा कि मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में आता है। लोगों का न्याय में विश्वास बना रहे, इसलिए दोषी को मौत की सजा दी जाए। वहीं, संजय के वकीलों ने कहा कि दोषी के सुधार में कोई गुंजाइश नहीं है, अभियोजन पक्ष इस बाबत कोर्ट को सबूत दें। फांसी के अलावा कोई भी सजा दोषी को दी जाए, वे ये मांग करते हैं।

पीड़िता के परिवार को मिलेगा 17 लाख का मुआवजा

संजय रॉय ने कोर्ट से कहा कि उसे फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, फिर भी उसे दोषी ठहराया गया है। उसे जेल में पीटा गया, खाली कागजों पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया। सीबीआई ने मामला अपने पास आने के बाद उसका रेलवे अस्पताल में मेडिकल टेस्ट करवाया था, जिसमें कुछ नहीं दिखाया गया। कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार पीड़िता के परिजनों को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। फैसला पीड़िता के परिवार के लिए राहत लेकर आया है। उन लोगों को इंसाफ की उम्मीद है, वे ऊपरी अदालत में अपील करने की सोच रहे हैं, ताकि दोषी को फांसी की सजा मिले। बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को मामला सामने आने के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे। कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा-64 (रेप), 66 (रेप पीड़िता को चोट पहुंचाना) और 103 (1) (मर्डर) के तहत केस दर्ज किया गया था। यह भी पढ़ें:दिल्ली की इस सीट पर AAP और BJP में कड़ी टक्कर, जिस पार्टी का बना विधायक; उसकी आई सरकार बता दें कि धारा-103 (1) में फांसी या आजीवन कारावास का प्रावधान है। धारा-66 के तहत कम से कम 20 साल की जेल होती है। धारा-64 के तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम 10 वर्ष की जेल हो सकती है। न्यायाधीश अनिर्बान दास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है। इसलिए वे आजीवन कारावास की सजा सुना रहे हैं। वहीं, अभियोजन पक्ष ने कहा कि पीड़िता एक मेधावी छात्रा थी। मामले ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया था। अगर डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों के बारे में क्या कहा जा सकता है?


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