21000 किमी की पदयात्रा पर निकला है यह युवा कार्यकर्ता, मिशन है- खून का इंतजार करते हुए किसी की मौत न हो
Kiran Verma (Credit: twitter/VermaKiran)
मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के बीच 38 साल के दिल्ली के एक्टिविस्ट किरण वर्मा इंफाल पहुंचे हैं। किरण फिलहाल 21,000 किलोमीटर की पदयात्रा पर हैं जो तीन देशों (भारत, बांग्लादेश और नेपाल) को कवर करती है। अपनी इस पदयात्रा के जरिए वह रक्तदान को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं, ब्लड बैंक तैयार कर रहे हैं और इसे लेकर कानून और नीतियां बनाने में मदद कर रहे हैं।
किरण ने अपनी इस चुनौतीपूर्ण यात्रा की शुरुआत 28 दिसंबर 2021 को तिरुवनंतपुरम से की थी जब देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप फैला हुआ था। वह असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, सिक्किम वह मणिपुर पहुंचे हैं। यहां से वह मिजोरम और त्रिपुरा जाएंगे। किरण बताते हैं कि इस अभियान में अभी तक वह 17,800 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर चुके हैं।
अब तक तय कर चुके 17,800 किमी की दूरी
उन्होंने कहा कि अभी तक मैं 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 230 जिलों में 17,800 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका हूं। वह बुधवार को इंफाल पहुंचे थे। किरण ने आगे कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के अधिकांश जिलों में ब्लड बैंक नहीं हैं। इससे वहां दूरदराज के और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर समस्या बन जाती है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डाटा का हवाला देते हुए किरण ने कहा कि भारत के 76 जिलों में एक भी ब्लड बैंक नहीं है। इन 76 जिलों में 50 जिले आठ में से छह उत्तर-पूर्वी राज्यों में आते हैं। उन्होंने बताया कि मणिपुर के 16 में से 12 जिलों में ब्लड बैंक नहीं हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के 26 जिलों में से 14 में ब्लड बैंक नहीं है।
अभी दो साल से ज्यादा चलेगी यह पदयात्रा
किरण कहते हैं कि मेरी यह यात्रा किसी एक व्यक्ति द्वारा किया गया दुनिया का सबसे लंबा ब्लड अवेयरनेस कैंपेन होगी। उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा अगले दो साल से ज्यादा समय तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मेरा मिशन लोगों के बीच रक्तदान को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए, पर्याप्त संख्या में ब्लड बैंक बनाने की औऱ केंद्र सरकार के कानूनों और नीतियों को लागू कराने के लिए है।
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उन्होंने कहा कि मैंने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में 31 दिसंबर 2025 के बाद किसी भी व्यक्ति की मृत्यु खून का इंतजार करते हुए न जाए। किरण ने कहा कि मेरी यह पदयात्रा लगभग 50 लाख नए रक्तदाताओं को प्रोत्साहित रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने की है ताकि अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून की कमी न होने पाए।
मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष को लेकर सोशल एक्टिविस्ट ने दोनों समुदायों के लोगों से जान बचाने की और जब संभव हो तब रक्तदान करने की अपील की। बता दें कि मणिपुर पिछले सात महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा का गवाह बनता आ रहा है।
एक दिन में ही कर डाली तीन देशों में यात्रा
अपने इस अभियान के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधियों का उल्लेख करते हुए किरण ने बताया कि इस साल 19 जून को उन्होंने पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी कॉरिडोर के रास्ते एक ही दिन में तीनों देशों में पदयात्रा की थी। यह किसी भारतीय की ओर से एक अनोखा रिकॉर्ड है। उनकी पदयात्रा के समर्थन में देश के विभिन्न हिस्सों में 126 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है।
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इस दौरान 23,722 यूनिट से ज्यादा रक्त जमा किया गया। उन्होंने बताया कि मेरे इस अभियान के समर्थन में अब तक 9000 से ज्यादा लोग देश और विदेश में रक्तदान कर चुके हैं। अपने इस अभियान के अलावा किरण ने चेंज विद वन फाउंडेशन की स्थापना की थी। इसके तहत वह सिंपली ब्लड और चेंद विद वन मील नाम के दो प्रोग्रामों का संचालन करते हैं। साल 2018 में इसी लक्ष्य के साथ किरण ने पूरे भारत में 16,000 किलोमीटर की यात्रा की थी जिसमें 6000 किलोमीटर वह पैदल चले थे।
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