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केरल में बागी के साथ LDF ने चला था दांव, कांग्रेसी इस्तीफा देकर BJP को ले आए साथ, पंचायत छीन कर दिया हैरान

भाजपा की मदद से एक कांग्रेस बागी का अध्यक्ष बनना एक ऐसा नया राजनीतिक गठबंधन बना गया है जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी.

कांग्रेस ने इस्तीफा देने वाले आठ सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

केरल के त्रिशूर जिले में एक बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है. मट्टाथुर पंचायत में कांग्रेस के सभी आठ निर्वाचित सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. परिषद की सत्ता के लिए भाजपा के साथ हाथ मिला लिया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा के समर्थन से नई पार्टी बनाने वाले नेता पंचायत अध्यक्ष बन गए. बता दें, इससे पहले मट्टाथुर में 23 साल वाम दलों ने राज किया है.

24 सदस्यीय पंचायत के चुनाव में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) के 10, संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) के 8, एनडीए (NDA) के 4, और 2 स्वतंत्र सदस्य ने जीत हासिल की थी. दोनों पक्षों के नतीजे करीब-करीब एक जैसे रहे, इसकी वजह से अध्यक्ष चुनने के लिए लॉटरी सिस्टम का सहारा लेने पर विचार किया जा रहा था.

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यूडीएफ (UDF) ने केआर औसेफ का समर्थन करने को फैसला किया था. यह एक स्वतंत्र उम्मीदवार थे और कांग्रेस बागी के रूप में जीते थे. लेकिन अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले, औसेफ ने एलडीएफ (LDF) के साथ हाथ मिला लिया, जिससे कांग्रेस नेता हैरान रह गए. इससे नाराज होकर कांग्रेस के सभी आठ सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने अपने इस्तीफों में कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व ने वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी की. इस्तीफा देने के बाद, उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में टेसी जोस का समर्थन करने का फैसला किया. भाजपा ने भी तीन वोटों के साथ उनका समर्थन किया (भाजपा का एक वोट अमान्य था), और उन्होंने 12 सदस्यों के समर्थन से जीत हासिल कर ली.

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इस स्थिति ने कांग्रेस और वामपंथियों दोनों को चौंका दिया. भाजपा की मदद से एक कांग्रेस बागी का अध्यक्ष बनना एक ऐसा नया राजनीतिक गठबंधन बना गया है जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. अब तक, कांग्रेस ने इस्तीफा देने वाले आठ सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.


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