केरल के कोच्चि शहर में एक मार्केटिंग कंपनी में पुरुष कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार मामले में नया मोड़ आ गया है। अपनी कंपनी के पुरुष कर्मचारियों को क्रूर और अपमानजनक सजा देने वाले शख्स का नाम हुबैल है, जो वायनाड का निवासी है और फर्म केल्ट्रा का मालिक है। हुबैल को पहले भी इसी तरह के आरोपों के सिलसिले में पेरुंबवूर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी लगा था।
कंपनी के मालिक ने सेल्स टागरेट पूरा नहीं होने पर दुर्व्यवहार की हदें पार करते हुए कर्मियों को गले में कुत्ते की बेल्ट बांधकर रेंगने और कुत्तों की तरह कटोरे से पानी पीने के लिए मजबूर किया। उन्हें फर्श पर घसीटा। कमरे के कोनों में कुत्तों की तरह पेशाब करने, कपड़े उतारकर अश्लील हरकत करने, चबाए और थूके गए फलों को चाटने, मुंह में नमक रखने तथा फर्श पर से सिक्के चाटते हुए कमरे में रेंगने के लिए मजबूर किया।
सेल टारगेट पूरा नहीं करने पर दी सजा
मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के मालिक ने अपने मार्केटिंग डिपार्टमेंट के उन कर्मचारियों को क्रूर दंड दिया, जो घर-घर जाकर प्रोडक्ट बेचते थे। सेल टारगेट पूरा नहीं करने पर ऐसी सजा दी गई थी, ताकि कर्मचारी सजा से सबक लेकर अगले दिन बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हों।
कंपनी के ही एक पूर्व कर्मचारी ने मीडिया को बताया कि कंपनी के कर्मचारी मालिक के खिलाफ बोलने से बहुत डरते थे। कर्मचारियों को 6000 रुपये से 8000 रुपये तक वेतन दिया जाता था। कंपनी पदोन्नति और हाई सैलरी का वादा करके कर्मचारियों को अपने अधीन कर लेती थी।
रिपोर्ट के अनुसार, हुबैल के खिलाफ कंपनी में पहले काम कर चुकी घर-घर जाकर प्रोडक्ट बेचने वाली युवतियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हुबैल रात में पर्सनल इवैल्युएशन करने के बहाने उनके घरों में जाता था और उनके साथ दुर्व्यवहार करता था।
जब वे काम करने के लिए बाहर जाती थीं तो वह उनके मोबाइल फोन जब्त कर लेता था, जिससे उनके लिए परिवार के सदस्यों से संपर्क करना या दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करना मुश्किल हो जाता था। पुलिस जांच के दौरान, कई पूर्व कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं की पुष्टि करते हुए अपनी बात रखी।
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मंत्री और आयोग ने मामले में लिया स्वत: संज्ञान
हुबैल को पेरुंबवूर पुलिस ने कंपनी की ही एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। इस खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने घटना की निंदा की और इसे श्रमिक विरोधी और “शर्मनाक” बताया।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर इस तरह की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और उन्होंने जिला श्रम अधिकारी को मामले की गहन जांच करने का आदेश दिया है। केरल के राज्य युवा आयोग ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लिया और जिला पुलिस प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है।
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