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चमत्कार! 20 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकला; वायनाड में मिल चुकीं 365 लाशें, हिमाचल-केदारनाथ में ऐसे हैं हालात

Kedarnath Cloudburst Wayanad Landslide: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के केदारनाथ और केरल के वायनाड में आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। तीनों राज्यों में मानसून की बारिश आफत बनकर बरसी। प्राकृतिक आपदा ने कई लोगों की जान ले ली। आइए जानते हैं कि आज तीनों राज्यों में कैसे हैं हालात?

उत्तराखंड, हिमाचल और केरल में बादल आफत बनकर बरस रहे हैं।
Kedarnath Himachal Wayanad Rescue Operations: उत्तराखंड के केदारनाथ में गत एक अगस्त को लिनचोली, भीमबली, चीरवासा में लैंडस्लाइड हुआ। कई इलाकों में बादल फटने से रास्ते ब्लॉक हुए तो श्रद्धालु फंस गए। पिछले 4 दिन में प्रदेश में आई आपदा में करीब 10 हजार लोग फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू करने का काम जारी है, लेकिन खराब मौसम रेस्क्यू ऑपरेशन में अड़चन पैदा कर रहा है, जिस वजह से लोगों को रेस्क्यू करने में इंडियन एयरफोर्स को परेशानी आ रही है। क्योंकि मौसम सामान्य नहीं होने से चिनूक, MI-17 हेलीकॉप्टर फ्लाई नहीं कर पा रहे हैं। आर्मी और NDRF भी बचाव में जुटी है। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, केदारनाथ में हालात खराब हैं।  

थारू कैंप में मलबे से जिंदा निकला दुकानदार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, SDRF की टीम ने बीती शाम करीब 9 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एक शख्स को मलब से जिंदा निकाला। वह करीब 20 घंटे के केदारनाथ हाईवे पर थारू कैंप के बाद मलबे में दबा था। उसके कराहने की आवाज से रेस्क्यू टीम को मलबे के नीचे होने का पता चला। आपदा पीड़िता का नाम गिरीश चमोली है और वह चमोदी जनपद का रहने वाला है, लेकिन हाईवे पर खाने-पीने की दुकान लगाता था। एक अगस्त को बादल फटने के बाद सड़क पर आए मलबे में उसकी दुकान बह गई और वह बोल्डरों के नीचे दब गया। उसने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन SDRF के वॉलंटियर्स देवदूत बनकर आए और उसकी जान बचा ली। गिरीश ने बताया कि बादल फटने की आवाज आने के बाद वह अपने जानवरों के बचाने के लिए घर की तरफ निकल गया था, लेकिन मलबे में बह गया।  

वायनाड में डीप सर्च रीडर से तलाशी जा रही लाशें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद मलबे में दबे लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद खत्म हो गई है। 6 दिन बाद डीप सर्च रीडर से शवों की तलाश की जा रही है। अब तक 365 लोगों के शव मिल चुके हैं, जिनमें से 200 से ज्यादा मृतकों की शिनाख्त हो गई है। आधे से ज्यादा शव टुकड़ों में मिले हैं। मुख्यमंत्री विजयन के अनुसार, वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा 30 जुलाई की अलसुबह 2 बार हुए लैंडस्लाइड के बाद मलबे के नीचे दब गए थे। इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी, NDRF, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, पुलिस, पैरामिलिट्री और वॉलंटियर्स रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं, जो अब आखिरी पड़ाव में है। मलबे में करीब 30 फीट नीचे शव होने का शक है। इसलिए सेना का डीप सर्च रीडर मंगवाया गया है।  

हिमाचल में अब तक नहीं मिले 50 लोग

केरल और उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर बरपाया था। एक अगस्त को ही शिमला के समेज, मंडी में चौहारघाटी के राजबन गांव और कुल्लू के बागीपुल में 5 जगहों पर बादल फटे। बड़े-बड़े पत्थरों और मिट्टी के साथ पानी मलबा बनकर आया और लोगों को अपने साथ बाहर गया। कई घर, स्कूल, अस्पताल भी मलबे में बह गए। 4 दिन में सिर्फ 7 लाशें मिली हैं। करीब 50 लोगों की तलाश जारी है, लेकिन किसी के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है। लापता लोगों में स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। मौसम विभाग ने 7 अगस्त तक भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया हुआ है, जिसके चलते प्रदेश सरकार हाई अलर्ट मोड में आ गई है।


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