‘इससे ज्यादा दर्दनाक कुछ नहीं’ कर्नाटक में हेडगेवार और सावरकर से जुड़े चैप्टर हटाने पर नितिन गडकरी
Karnataka Syllabus Controversy: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक में स्कूली पाठ्यक्रम से हेडगेवार और सावरकर से जुड़े चैप्टर को हटाने पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में स्कूली पाठ्यपुस्तकों से हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार से जुड़े चैप्टर को हटाने वाला सिद्धारमैया सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कहा कि हेडगेवार और सावरकर के ऐतिहासिक योगदान को मिटाने से ज्यादा दर्दनाक कुछ नहीं हो सकता। गडकरी ने शनिवार को सावरकर पर पुस्तक विमोचन समारोह में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने ये बातें कही। उन्होंने सावरकर की एक दूरदर्शी के रूप में सराहना करते हुए कहा कि हिंदुत्व की उनकी विचारधारा समावेशी थी, जातिवाद और सांप्रदायिकता से रहित थी।
कांग्रेस नेता बोले- इसलिए ऐसा बोल रहे हैं गडकरी
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और कर्नाटक के छात्रों को केबी हेडगेवार और वीर सावरकर की विचारधारा के बारे में अध्ययन करने के बजाय (बीआर) अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी की विचारधारा के बारे में अध्ययन करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि नितिन गडकरी ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी और अमित शाह उन्हें पसंद नहीं करते हैं और वे (गडकरी) ऐसा बोलकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।
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