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‘बड़ी महंगी हुई है शराब कि थोड़ी थोड़ी पीया करो’ जाम के शौकीनों ने कर्नाटक सरकार को दिया झटका

Liquor Lovers Shock Govt: कांग्रेस सरकार ने राजस्व इकट्ठा करने के उद्देश्य से शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी, जिससे शराब की कीमतें बढ़ गईं। शराब की कीमतों की बढ़ोतरी के बाद बिफरे शराब प्रेमियों ने सरकार को झटका दे दिया, जिससे उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया-शिवकुमार की सरकार ने गारंट […]

Liquor Lovers Shock Govt: कांग्रेस सरकार ने राजस्व इकट्ठा करने के उद्देश्य से शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी, जिससे शराब की कीमतें बढ़ गईं। शराब की कीमतों की बढ़ोतरी के बाद बिफरे शराब प्रेमियों ने सरकार को झटका दे दिया, जिससे उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया-शिवकुमार की सरकार ने गारंट योजनाओं के लिए राजस्व जुटाने के मकसद से हाल में शराब की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भारत में बनी शराब (IML) की बिक्री में 15% की गिरावट आई है। हालांकि, बीयर की मांग में कोई बदलाव नहीं आया है। शराब दुकान मालिकों की ओर से राज्य शराब निगम को सौंपी जाने वाली मांग भी कम हो गई है।

पिछले साल के मुकाबले घटी शराब की बिक्री

पिछले साल के मुकाबले अगस्त के महीने में शराब की बिक्री घटी है। पिछले साल अगस्त में 25.5 लाख पेटी स्वदेशी ब्रांड और 10.34 लाख पेटी बीयर की बिक्री हुई थी। इस साल अगस्त में 21.87 लाख पेटी देशी ब्रांड की शराब और 12.52 लाख पेटी बीयर की बिक्री हुई है।   और पढ़ें - मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई CWC के जरिए कांग्रेस को दी एनर्जी, ऐसे साधेंगे कई सियासी फायदे!   कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अच्छे ब्रांड की शराब की मांग कम हो गई है। स्कॉच के प्रेमी प्रीमियम ब्रांडों की ओर शिफ्ट हो गए हैं। वहीं, इसके उलट प्रीमियम ब्रांड पीने वाले सामान्य ब्रांडों की ओर शिफ्ट हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार माह में उत्पाद विभाग को हर महीने करीब 2500 करोड़ रुपये की आय हुई थी, लेकिन अगस्त महीने में आय बिलकुल घट गई है। इस महीने अब तक सिर्फ 962 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है। इससे पहले अप्रैल में 2,308 करोड़, मई में 2,607 करोड़ रुपये, जून में 3,549 करोड़ रुपये और जुलाई में 2,980 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

जुलाई में राज्य सरकार ने बढ़ाई थी कीमतें

बता दें कि कर्नाटक की सिद्धारमैया-शिवकुमार सरकार ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था। सरकारी खजाना भरने के लिए सरकार ने शराब के दाम में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। कीमतों में बढ़ोतरी से पहले हर महीने IML की औसत बिक्री 61 लाख टन बक्सों की रही, जबकि कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अगस्त 2023 में अब तक सिर्फ 18.8 लाख टन बॉक्स ही बिके हैं।


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