Karnataka Election: कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा की लीगल टीम और मुख्यमंत्री कार्यालय उनकी पार्टी के कैंडिडेट्स के नामांकन रद्द करा रहा है। उन्होंने दावा किया सीएम बसवराज बोम्मई ने व्यक्तिगत रुप से अधिकारियों को फोन किया। शिवकुमार ने चुनाव आयोग से मुख्यमंत्री के कॉल रजिस्टर की जांच की मांग की है।
डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि भाजपा के जिन उम्मीदवारों के आवेदन पत्रों को अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए, उन्हें होल्ड पर रखने के आदेश जा रहे हैं।
शिवकुमार के भाई ने दाखिल किया था पर्चा
शिवकुमार शनिवार को बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरा नामांकन भी रद्द करने की साजिश रची गई। लेकिन बाद में योग्य ठहराया गया।
बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कनकपुरा विधानसभा सीट से शिवकुमार के नामांकन को स्वीकार किया है। शिवकुमार ने पर्चा रद्द हो भी जाए तो प्लान बी बना रखा था। गुरुवार को शिवकुमार के भाई और बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद डीके सुरेश ने कनकपुरा सीट से नामांकन दाखिल किया था।
प्रियंका खड़गे बोले- हम चुनाव आयोग पर आरोप नहीं लगा रहे
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका खड़गे ने कहा कि हम चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठा रहे बल्कि उनको इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं। भाजपा हर वह चीज़ कर रही जिससे कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव न लड़ सकें। ऐसा लग रहा है कि राज्य में दो तरह के कानून चल रहे हैं जिसमें भाजपा के लिए अलग और कांग्रेस के लिए अलग हैं।
सीएम बोम्मई ने आरोपों को निराधार बताया
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बयान को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक रूप से गठित स्वतंत्र संस्था है और यह चुनाव आयोग के नियमों द्वारा चलता है इसलिए दखल देने का कोई सवाल ही नहीं है। वह (डी.के. शिवकुमार) अपनी हार से डरते हैं इसलिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
3044 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला
कर्नाटक में 10 मई को 224 सीटों के लिए वोटिंग होगी। 13 मई को नतीजे आएंगे। शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव अधिकारियों ने 3044 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र को सही पाया है। कुल 4989 नामांकन दाखिल किए गए थे।