Justice Abhijit Gangopadhyay Case: सुप्रीम कोर्ट के लिए 28 अप्रैल की तारीख अहम हो गई। देश की सबसे बड़ी अदालत को शुक्रवार की रात 8 बजे खोला गया। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच को स्पेशल सुनवाई करना पड़ा। मामला कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के एक आदेश से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया था कि वह रात 12 बजे तक कोर्ट में रखे गए उनके इटरव्यू का अधिकारिक अनुवाद उपलब्ध कराएं।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह भी कहा था कि वह अपने चैंबर में रात सवा 12 बजे तक बैठकर इंतजार करेंगे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उनके आदेश पर रोक लगा दी है।
आज सुबह ही जस्टिस गंगोपाध्याय को केस से हटाया गया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय को एक केस से हटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को आदेश दिया कि शिक्षक भर्ती घोटाले का मामला किसी और बेंच को ट्रांसफर किया जाए।
क्यों हुआ ये टकराव?
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 20 सितंबर 2022 को एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस की कथित तौर पर आलोचना की थी। जब टीवी इंटरव्यू की बात सुप्रीम कोर्ट को पता चली तो कहा था कि किसी भी जज को ऐसे मसले पर इंटरव्यू देने से बचना चाहिए जो उनके सामने लंबित हों।
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में कई गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो हाईकोर्ट में मामला पहुंचा।
सीबीआई ने 30 सितंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं। बीते दिनों सीबीआई ने सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को समन जारी किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से अभिषेक को राहत मिल चुकी है।
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