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कौन थे शहीद कैप्टन तुषार महाजन? जिनके नाम पर रखा गया उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम

Martyr Captain Tushar Mahajan: भारतीय सेना के शहीद कैप्टन तुषार महाजन के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम रखा गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करके जानकार दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम शहीद कैप्टन तुषार महाजन (MCTM) के नाम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी […]

कैप्टन तुषार महाजन साल 2016 में शहीद हुए थे।

Martyr Captain Tushar Mahajan: भारतीय सेना के शहीद कैप्टन तुषार महाजन के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम रखा गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करके जानकार दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम शहीद कैप्टन तुषार महाजन (MCTM) के नाम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह फैसला लिया और रेलवे स्टेशन के टिकटिंग प्रोसेस में भी जल्दी ही बदलाव नजर आ जाएगा।

कौन थे कैप्टन तुषार महाजन?

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निवासी तुषार महाजन भारतीय सेना में अधिकारी थे। कैप्टन 21 फरवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर के पंपोर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे। उन्हें उनकी बहादुरी, शानदान नेतृत्व और शहादत के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र देकर सम्मानित किया गया था। अब मोदी सरकार ने कैप्टन की याद में ही उनके शहर के रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर उनके नाम पर 'शहीद कैप्टन तुषार महाजन रेलवे स्टेशन' रखा दिया है।

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कैप्टन का परिवार और एजुकेशन

शहीद कैप्टन तुषार महाजन का परिवार उधमपुर में ही रहता है। उनके पिता रिटायर्ड प्रिंसिपल थे और उनक नाम देव राज गुप्ता था। उनकी मां का नाम आशा गुप्ता था। कैप्टन का बड़ा भाई निखिल गुप्ता परिवार के साथ उधमपुर में ही रहता है। कैप्टन ने लिटिल फ्लावर्स कॉन्वेंट स्कूल उधमपुर से स्कूलिंग की। हैप्पी मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल उधमपुर से 12वीं की। जून 2006 में कैप्टन ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) खडकवासला में दाखिला लिया।

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NDA-IMA के स्टूडेंट रहे तुषार

बचपन से ही सेना में अधिकारी बनने का सपना देखने वाले कैप्टन NDA में 'अल्फा' स्क्वाड्रन 116 का हिस्सा थे। NDA में कैप्टन क्रॉस-कंट्री दौड़ और बॉक्सिंग के चैम्पियन रहे। 'डिविजनल कैडेट कैप्टन' की जिम्मेदारी मिली। जून 2009 में NDA से ग्रेजुएट होकर निकले और इंडियन आर्मी एकेडमी (IMA) देहरादून में ट्रेनिंग ली। साल 2010 में बतौर लेफ्टिनेंट उन्होंने आर्मी जॉइन की। साल 2010 में 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज के लिए उनका सेलेक्शन हुआ।

फरवरी 2016 में हुए थे शहीद

कैप्टन तुषार महाजन ने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर आर्मी जॉइन की थी। उनके बड़े भाई निखिल इंजीनियर हैं तो पिता चाहते थे कि तुषार भी इंजीनियर बने, लेकिन तुषार ने आर्मी की राह चुनी। 20 फरवरी 2016 को पंपोर में लश्कर-ए-तैयबा के 7 आतंकवादियों से सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई। आतंकियों ने श्रीनगर से 15 किलोमीटर दूर दक्षिण में पुलवामा के पंपोर में उद्यमिता विकास संस्थान (EDI) की एक बिल्डिंग पर आतंकी हमला किया था।

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एक आतंकी को किया था ढेर

आतंकी हमले में 2 पुलिसकर्मियों और एक शख्स ने जान गंवाई थी। CRPF के 11 जवान भी घायल हुए थे। CRPF, 10 पैरा स्पेशल फोर्स और 9 पैरा स्पेशल फोर्स ने आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया था। 10 पैरा के कैप्टन पवन कुमार और 9 पैरा के कैप्टन तुषार महाजन थे, जो आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। तुषार ने एक आतंकी को ढेर किया था। तुषार को पैरों में गोलियों लगी थीं, फिर भी उन्होंने एक और आतंकी को घायल किया था।

कैप्टन तुषार को मिले सम्मान

कैप्टन तुषार को मरणोपरांत भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र प्रदान किया गया था। साल 2017 में कैप्टन तुषार महाजन के जन्मदिन पर उधमपुर के टी-पॉइंट पर उनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ था। हरियाण के कुरुक्षेत्र जिले के टेक्नोलॉजी एजुकेशन एंड रिसर्च इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूशंस ने शहीद कैप्टन तुषार महाजन विशेष छात्रवृत्ति योजना शुरू की थी, जो साल 2016-17 से जम्मू-कश्मीर के छात्रों को आर्थिक मदद का जरिया बन रही है। शहीद कैप्टन तुषार महाजन मेमोरियल ट्रस्ट भी स्थापित किया गया है।


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