Jammu Kashmir Article 370 Supreme Court Verdict: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने एकमत होकर कहा कि यह संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था। सीजेआई ने कहा कि केंद्र की ओर से लिए हर किसी फैसले के खिलाफ आप कोर्ट नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के फैसले से अजराकता फैल रही हो कोई मुश्किल हो रही हो तो इसे चुनौती दी जा सकती है।
सीजेआई ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 के अनुसार जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अनुच्छेद 356 के बाद केंद्र केवल संसद के द्वारा ही कानून बना सकता है। बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ राज्य को 2 हिस्सों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। एक हिस्से का नाम जम्मू और कश्मीर था वहीं दूसरे का नाम लद्दाख था।
370 को रद्द करने के बाद कुल 22 याचिकाएं दायर की गई थीं। इसके बाद कोर्ट ने सभी 22 याचिकाओं को मर्ज कर एक साथ सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट में लगातार 16 दिनों तक सुनवाई के बाद 5 सितंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आइये जानते हैं 370 को लेकर अब तक क्या कुछ हुआ।
1. 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 और 35 ए को अवैध घोषित कर दिया था।
2. इसके बाद आईएएस शाह समेत 22 लोगों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
3. मार्च 2020 में 5 जजों वाली संविधान पीठ ने इस मामले को 7 न्यायाधीशों वाली पीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया था।
4. अक्टूबर 2020 में 5 जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की।
5. 14 दिसंबर 2022 को एक बार फिर सीजेआई चंद्रचूड ने 5 जजों की पीठ बनाकर मामले की सुनवाई शुरू की।
6. इसके बाद 11 जुलाई 2023 को डीवाई चंद्रचूड़ फैसला सुनाते हुए कहा कि 2 अगस्त से इस मामले की नियमित तौर पर सुनवाई होगी।
7. 16 दिनों तक लगातार सुनवाई के बाद 5 सिंतबर को सीजेआई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया।
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8. 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने 370 हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया।