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‘सालों से गायब है रत्न भंडार की चाबी…’,जगन्नाथ की नगरी में गरजे PM Modi, क्या है मंदिर के खजाने की कहानी?

Jagannath Puri Temple Ratna Bhandar: प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन किए। वहीं रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने रत्न भंडार के मुद्दे को फिर से हवा दे दी। तो आइए जानते हैं कि क्या है रत्न भंडार की कहानी?

Jagannath Puri Ratna Bhandar
PM Modi in Puri on Ratna Bhandar: लोकसभा चुनाव के दौरान पिछले 10 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार ओडिशा का दौरा किया है। ओडिशा के पुरी में पीएम मोदी का भव्य रोड शो देखने को मिला और साथ ही उन्होंने विशाल जनसभा को भी संबोधित किया। हालांकि जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने रत्न भंडार का जिक्र किया। क्या आप जानते हैं कि आखिर ये रत्न भंडार क्या है? 6 साल पहले खो गई थी चाबी रत्न भंडार को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी ट्वीट किया है। उन्होंने ओडिशा की स्थानीय पार्टी बीजू जनता दल (BJD) पर निशाना साधते हुए कहा कि BJD सरकार के राज में पुरी का जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है। रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 सालों से गायब है। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। तो आइए जानते हैं रत्न भंडार के बारे में विस्तार से। क्या है रत्न भंडार? चार धाम में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में करवाया गया था। इस मंदिर को अंग्रेजों ने 'सफेद पगौड़ा' का नाम दिया था। कलिंग वास्तुकला से निर्मित इस मंदिर के अंदर रत्न भंडार भी है। दरअसल रत्न भंडार के अंदर जगन्नाथ मंदिर के तीनों मुख्य देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के आभूषण मौजूद हैं। 12वीं शताब्दी के बाद कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को बेशकीमती आभूषण अर्पित किए थे, जिन्हें रत्न भंडार में संजोया जाता था। जानकारों के अनुसार रत्न भंडार में मौजूद खजाने की कीमत अरबों-खरबों में है। 39 साल पहले खुला था रत्न भंडार रत्न भंडार को दो भागो में विभाजित किया गया है, जिसे भीतर भंडार और बाहर भंडार के रूप में जाना जाता है। बाहरी भंडार में भगवान को अक्सर पहनाने वाले जेवरात रखे जाते हैं तो उपयोग में ना आने वाले कीमती गहनों को भीतर भंडार में बंद कर दिया गया था। रत्न भंडार का बाहरी हिस्सा अभी भी खुला है। मगर भीतर भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है। बता दें कि रत्न भंडार को आखिरी बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था, जिसके बाद से रत्न भंडार कभी नहीं खुला और उसकी चाबी भी खो गई है। कोर्ट ने दिया था खोलने का आदेश रत्न भंडार को खोलने की बात कई बार उठ चुकी है। 2018 में ओडिशा हाई कोर्ट ने खजाने की जांच-पड़ताल के लिए रत्न भंडार खोलने का आदेश दिया था। मगर चाबी गुम हो जाने के कारण रत्न भंडार आज तक नहीं खुल सका है। पिछले पांच साल से ओडिशा में बीजेडी की सरकार है। ऐसे में चाबी खोने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अक्सर बीजेडी को घेरती नजर आती है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी चल रहे हैं। वहीं पुरी में छठे चरण के दौरान मतदान होंगे।


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