TrendingPollutionLionel Messinitin nabin

---विज्ञापन---

ISRO ने रचा इतिहास, सफल हुआ SPADEX मिशन! ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत

ISRO SPADEX Mission Docking Successful: नए साल की शुरुआत देश के लिए बेहद खास साबित हुई है। SPADEX मिशन में भारत को बड़ी सफलता मिली है। इसरो ने ट्वीट शेयर करते हुए यह खुशशबरी पूरे देश के साथ साझा की है।

ISRO SPADEX Mission Docking Successful: 2024 के अंत में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने SPADEX मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन की कामयाबी का सभी को बेहद बेसब्री से इंतजार था। SPADEX मिशन में इसरो को बड़ी सफलता मिली है। इस मिशन के तहत डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसरो ने सोशल मीडिया पर यह खुशखबरी साझा की है।

ISRO ने शेयर किया ट्वीट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए इसरो ने लिखा कि भारत ने अंतरिक्ष के इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज कर लिया है। शुभ प्रभात भारत, इसरो ने SPADEX मिशन के तहत डॉकिंग में सफलता हासिल कर ली है। इस पल का गवाह बनकर गर्व की अनुभूति हो रही है। यह भी पढ़ें- देश की सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी है Z-morh Tunnel? 12 साल पहले राहुल गांधी ने रखी नींव; आज PM Modi करेंगे उद्घाटन

दुनिया का चौथा देश बना भारत

SPADEX मिशन में डॉकिंग पूरी करने के बाद भारत ने बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले यह तकनीक अमेरिका, रूस और चीन के पास थी। मगर अब इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल हो चुका है। हालांकि SPADEX मिशन अभी पूरा नहीं हुआ है। डॉकिंग के बाद अनडॉकिंग होगी, जिसके बाद यह मिशन सफल माना जाएगा।

कब लॉन्च हुआ था मिशन?

दरअसल इसरो ने 30 दिसंबर 2024 की रात को SPADEX मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन के तहत 2 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा गया। इन दोनों सैटेलाइट्स की डॉकिंग (जोड़ना) और अनडॉकिंग (अलग करना) SPADEX मिशन का मकसद था। 12 जनवरी 2025 को इसरो अपने लक्ष्य के बेहद करीब था, दोनों सैटेलाइट्स महज 3 मीटर की दूरी पर थीं, हालांकि डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

क्यों खास है SPADEX मिशन?

SPADEX मिशन भारत के लिए काफी मायने रखता है। यह मिशन पूरा होने के बाद इसरो के खाते में एक नई तकनीक जुड़ जाएगी। इसकी मदद से भारत अतंरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन बना सकता है। यही नहीं अतंरिक्ष का मलबा साफ करने से लेकर चंद्रयान 4 मिशन में भी यह तकनीक बेहद काम आएगी। यह भी पढ़ें- ISRO का SPADEX मिशन क्या? लॉन्चिंग आज; 5 पॉइंट्स में जानें सबकुछ


Topics:

---विज्ञापन---