पहला APJ अब्दुल कलाम अवॉर्ड मिला, ISRO के प्रोजेक्ट को लीड भी किया, जानें कौन थीं साइंटिस्ट N Valarmathi
ISRO Scientist N Valarmathi Passes Away: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की साइंटिस्ट एन वलारमथी का शनिवार को चेन्नई में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एन वलारमथी को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद हृदयगति रूकने से 64 साल की वैज्ञानिक का निधन हो गया।
एन वलारमथी Chandrayaan-3 से जुड़ीं थीं। वलारमथी ने ही 14 अप्रैल को Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग के दौरान उल्टी गिनती (5, 4, 3, 2, 1) की थी। एन वलारमथी तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थी। फिलहाल, वे अपने परिवार के साथ चेन्नई में रहती थीं।
एन वलारमथी के निधन पर ISRO के पूर्व वैज्ञानिकों ने दुख जताया है। पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर पीवी वेंकटकृष्ण ने एक्स पर पोस्ट लिखकर एन वलारमथी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि श्रीहरिकोटा से ISRO के चंद्र मिशन की उलटी गिनती करने वाली महिला वैज्ञानिक वलारमथी मैडम की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई।
कौन थीं महिला साइंटिस्ट एन वलारमथी?
एन वलारमथी का जन्म अरियालुर में 31 जुलाई, 1959 को हुआ था। स्कूलिंग और कॉलेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने 1984 में ISRO ज्वाइन किया था। जानकारी के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO के कई प्रोजेक्ट्स में उनका योगदान रहा है।
जानकारी के मुताबिक, एन वलारमथी ने विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों में योगदान दिया। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट, RISAT-1 के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम किया। बता दें कि RISAT-1 को अप्रैल 2012 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
महिला साइंटिस्ट एन वलारमथी पहली ऐसी साइंटिस्ट थीं, जिन्हें पहला एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड दिया गया था। अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान को देखते हुए ये पुरस्कार दिया गया था। बता दें कि अब्दुल कलाम अवार्ड 2015 में शुरू किया गया था।
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